केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकाल रहे हैं। इस प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली- हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यहां ड्रोन से नजर रखी जा रही है। अंबाला- पटियाला बॉर्डर पर प्रदर्शन उग्र हो गया। किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पथराव की भी खबर है। पुलिस ने किसानों पर वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। वह राशन-पानी के साथ दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय यूनियनों ने श्रम सुधारों के खिलाफ देशव्यापी बंद बुलाया है। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल में रेलवे ट्रैक ब्लॉक कर दिया। ओड़िशा और केरल में भी इस बंद का असर देखने को मिला है।
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड को पुल के नीचे फेंक दिया।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करके कहा, ‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’
TFN के अनुसार कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि हम दिल्ली को कूच कर रहे हैं, वहां रोका जाएगा तो सब सड़कों पर जाम लगा देंगे। हमारे पास 4-5 महीने का सामान है। हजार से ज्यादा ट्रालियां जा रही हैं।