देहरादून: चमोली जिले में आई आपदा के बाद तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की 2.5 किलोमीटर लंबी टनल में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। टीम सुरंग के अंदर पाइप और तारों के ढीले छोर को काटकर आगे बढ़ रही है। सुरंग प्राधिकारी भी सुरंग के अंदर मार्किंग करने में मदद कर रहे हैं। नौसेना के कमांडो भी मौके पर पहुंच गए हैं। आइटीबीपी के 450 जवान एनडीआरएफ की पांच टीमें, सेना की आठ टीम और वायु सेना के पांच हेलीकॉप्टर मोर्चे पर डटे हुए हैं। वहीं, आज प्रभावित क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन के बाद श्रीनगर से एक शव बरामद हुआ है।
चमोली में बाढ़ के बाद अलग-थलग पड़े एक गांव में कुछ लापता श्रमिक मिले हैं। स्निफर डॉग को तपोवन सुरंग में तलाशी अभियान में बचाव टीमों की सहायता करते देखा गया। रुद्रप्रयाग में एक शव की शिनाख्त सूरज पुत्र बेचूलाल निवासी बाबूपुर, बेलराय, कोतवाली, तिकोनिया, तहसील निखासना जिला-लखीमपुर खीरी (उत्तरप्रदेश) के रूप में हुई है। रुद्रप्रयाग में सर्च एंड रेस्क्यू के दौरान अलकनंदा नदी में शिव नंदी के पास एक महिला का शव मिला है। एसडीआरएफ और डीडीआरएफ टीम द्वारा सर्च एंड रेस्क्यू किया गया है। चमोली में सात फरवरी को आई बाढ़ से विष्णुप्रयाग के गांव में मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
जोशीमठ में सभी आइटीबीपी समेत एजेंसियों, सेना और स्थानीय प्रशासन ने बैठक की, जिसमें राहत और बचाव के कार्यों की समीक्षा की गई। आपदा के बाद से अलग-थलग पड़े गांवों में आइटीबीपी के जवान लगातार राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। मलारी में चिनूक की हुई सफल लैंडिंग। रेस्क्यू टीम लगातार मलबा हटाकर टनल में फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, लेकिन मलबा ज्यादा होने के कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
180 मीटर दूर टी-प्वाइंट पर फंसे व्यक्तियों को बचाने को अब वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं।