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महामारी के दौर में जरूतमंद लोगों के लिए प्राण वायु का काम कर रही युवाओं की टीम

आशुतोष गुप्ता: कोरोना महामारी के इस संकट के दौर में मानवता की सेवा के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित देश के विभिन्न राज्यों के 100 से ज्यादा विद्यार्थी सूचनाओं का आदान प्रदान करके कोविड से पीड़ित लोगों की मदद कर रहे है। ग्रुप के सदस्य डॉ प्रेम प्रकाश सिंह ने बताया कि सभी वालंटियर्स को तीन अलग अलग व्हाट्सएप ग्रुप में बाँटा गया है। पहला ग्रुप IIT BHU के पूर्व छात्र डॉ चंदन चौबे के नेतृत्व में विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म से कोविड से संबंधित बेड, दवा और ऑक्सीजन की जानकारी इकट्ठा करती है। यहाँ से यह जानकारी डॉ प्रेम प्रकाश सिंह के नेतृत्व वाली दूसरी व्हाट्सएप टीम को दी जाती है जिसमें वालंटियर्स उन जानकारियों की वर्तमान स्थिति एवं वैधता की जाँच करते है। अगर जानकारी प्रमाणित होती है तो इसे कंप्यूटर वैज्ञानिक डॉ आशीष मिश्रा के व्हाट्सएप टीम को भेजी जाती है जो इसे स्लैक सॉफ्टवेयर तथा कोविड हेल्प फेसबुक पेज में अपडेट करती है। इ

सके अलावा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र विकास सिंह एवं डॉ हिमांशु कात्यान की टीम भी जानकारी मुहैया कराती है। अगर कोई कोविड से संबंधित रिक्वेस्ट आती है तो उससे संबंधित जानकारी स्लैक सॉफ्टवेयर और फेसबुक पेज से खोजकर रिक्वेस्ट करने वाले को भेज दी जाती है। डॉ सिंह ने यह भी बताया कि हमारी टीम की सदस्य एवं IIT कानपुर की छात्रा ज्योति यादव देश भर के संभावित प्लाज्मा डोनर की लिस्ट तैयार कर रही है इससे भविष्य में कोविड महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी।

डॉ प्रेम प्रकाश सिंह ने बताया कि उनकी टीम के कई सारे सदस्य जैसे फरहान, सूर्य प्रकाश अग्रहरि, सौरभ, ऋषिदेव, लक्ष्मी, शिवम, रात दिन कार्य करके अब तक देश भर के कई मरीजों एवं उनके परिजनों की सहायता की है। इन सदस्यों ने अपने अन्य साथियों को भी इस मुहिम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। अब जब उनके प्रयासों से वालंटियर्स की संख्या ज्यादा हो गयी है तब इनको जिला एवं राज्यवार बॉट कर मरीजों की रिक्वेस्ट पूरी की जा रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि उनके नेतृत्व में वालंटियर्स की एक टीम प्रयागराज जिले के मरीजों की रिक्वेस्ट पूरी कर रही है। कहाँ बेड खाली है, कहाँ ऑक्सीजन रिफिल हो रही है, ये सब जानकारी दी जाती है। साथ ही रेमेडीसीवीर इंजेक्शन एवं कोविड केअर सेंटर की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने अपने टीम के सदस्यों, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवको, ऑक्टा के पूर्व महासचिव डॉ उमेश प्रताप सिंह एवं अन्य साथियों के सहयोग के प्रति आभार भी व्यक्त किया।

द फ्रीडम स्टॉफ
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