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खुद को भारतीय नहीं पंजाबी कहने वाला अमृतपाल जेल से आएगा बाहर, मिल गया रिलीज ऑर्डर

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह जल्द ही बाहर आ सकता है. इसको लेकर सामने आए टेम्पररी रिलीज ऑर्डर में बताया गया कि लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने को लिए पैरोल दी गई है. अमृतपाल की अस्थायी रिहाई की मांग राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 15 के तहत की गई थी.

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को चार दिन की पैरोल दी गई है ताकि वह लोकसभा सदस्य की शपथ ले सके. फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि अमृतपाल के पांच जुलाई को सांसद के रूप में शपथ लेने की संभावना है.

खालसा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं बुधवार (3 जुलाई) को दिल्ली में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलने उनके आवास पर गया. उन्होंने कहा कि शपथ पांच जुलाई को दिलाई जाएगी.’’

वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल ने हाल में पंजाब की खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज की है.

अमृतपाल सिंह ने कितने वोटों से जीत दर्ज की थी?
लोकसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने वाले अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने खडूर साहिब सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी.

अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है?
जालंधर जिले में वाहन और हुलिया बदलकर 18 मार्च को पुलिस की गिरफ्त से भागे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को एक महीने से अधिक समय की लंबी तलाश के बाद पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया था.

पंजाब पुलिस ने पिछले साल 23 फरवरी की अजनाला घटना के बाद कार्रवाई शुरू की थी. इस घटना में अमृतपाल और समर्थक अपने एक सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए बैरिकेड तोड़कर अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में स्थित थाने में घुस गए थे और वहां पुलिसकर्मियों से भिड़ गए थे. इनमें से कुछ लोगों के पास तलवार और बंदूकें भी थीं.

अमृतपाल और सहयोगियों पर वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या का प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमला और लोकसेवकों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के आरोप में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे.

द फ्रीडम स्टॉफ
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