राज्य

बेंगलुरु में तीसरे दिन भी बाढ़ से निजात नहीं: ट्रैक्टर से दफ्तर जा रहे IT कंपनियों के वर्कर्स, अतिक्रमण बना कारण

बेंगलुरु में एक हफ्ते से भारी बारिश जारी है। 3 दिन से शहरभर में पानी भरा है। क्या सड़कें और क्या कॉलोनियां, सभी डूबे हैं। लोगों की परेशानियां देखते हुए अब कर्नाटक सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। बेंगलुरु में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। IT विभाग के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की मंजूरी दे दी गई है।

बेंगलुरु नगर निगम ने 696 अतिक्रमणों की पहचान की है। निगम का कहना है कि इन्हीं की वजह से शहर में बारिश का पानी भर रहा है। इन अतिक्रमणों को JCB के जरिए गिराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री बासव राज बोम्मई भी लगातार राज्य में दौरे कर रहे हैं। वे बुधवार सुबह काली जीप में बेंगलुरु के बाहरी इलाकों में पहुंचे। उन्हें भी पानी भरी सड़कों से ही गुजरना पड़ा।

अगले कुछ दिन रहेगी ऐसी ही स्थिति
मौसम विभाग का कहना है कि बेंगलुरु के कई हिस्सों और कर्नाटक के दूसरे इलाकों में 9 सितंबर तक ऐसी ही बारिश होने की संभावना है। ऐसे में अगले कुछ दिनों तक ऐसी ही स्थिति रहने वाली है। बेंगलुरु नगर पालिका के चीफ कमिश्नर ने बताया कि 30 अगस्त से 4 सितंबर के बीच सामान्य से 5 गुना ज्यादा बारिश हुई है। शहर की 162 झीलें भर गई हैं, जिसके चलते बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।

ट्रैक्टर से दफ्तर जा रहे IT कंपनियों के वर्कर्स, आज मीटिंग
बेंगलुरु में हालात बन गए कि IT कर्मचारियों को ट्रैक्टर और क्रेन पर चढ़कर ऑफिस जाना पड़ा। एक IT प्रोफेशनल ने बताया कि ट्रैक्टर वाले 50 रुपए में लिफ्ट दे रहे हैं। शाम होते-होते कई IT कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम की घोषणा कर दी। बासव राज बोम्मई बुधवार को IT कंपनियों से मुलाकात करेंगे। इंफोसिस, विप्रो, नैसकॉम समेत कई कंपनियां मीटिंग में शामिल होंगी।

पानी सप्लाई और बिजली सप्लाई अभी भी बाधित

शहर में जलभराव के चलते बिजली की सप्लाई बंद है। शहर के कुछ हिस्सों में पीने का पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है। जलभराव वाली जगहों पर पानी की सप्लाई के लिए कुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ इलाकों में टैंकर्स के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है। बारिश, बाढ़ की वजह से पावर सप्लाई में जो दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें सुधारने के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं।

23 साल की युवती की करंट लगने से मौत

बेंगलुरु में मंगलवार को 23 साल की अखिला की स्कूटी फिसल गई। वे पानी से भरी सड़क से जा रही थीं। उन्होंने एक इलेक्ट्रिक पोल पकड़कर संभलने की कोशिश की। इस दौरान करंट लगने से उनकी मौत हो गई। अखिला स्कूल से घर लौट रही थीं, वे एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में काम करती थीं।

स्पेशल बजट जारी किया गया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासव राज ने कहा कि हमने शहर से पानी बाहर निकालने के कामों के लिए 1500 करोड़ रुपए तुरंत जारी किए गए हैं। इसके अलावा 300 करोड़ रुपए अतिक्रमण हटाने के अभियान में खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन हालात के लिए पूर्व की JDS-कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। इस सरकार ने गैर-नियोजित तरीके से झीलों के आसपास कंस्ट्रक्शन की इजाजत दी।

द फ्रीडम स्टॉफ
पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें।
https://thefreedomsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *