मध्य प्रदेश

इंदौर की सफलता जनभागीदारी की सफलता की मिसाल – PM मोदी

इंदौर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मध्यप्रदेश पहुंचे।उन्होंने राजगढ़ में 3800 करोड़ रुपए की लागत की मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना का लोकार्पण किया। उन्होंने यहां तीन पेयजल परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। इसके बाद वे इंदौर पहुंचे। मोदी ने इंदौर, भोपाल सहित 12 स्वच्छ शहरों को पुरस्कृत किया। 20 शहरों में संचालित होने वाली नगरीय बस सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। मोदी ने कहा- इंदौर की सफलता जनभागीदारी की सफलता की मिसाल बन गया है। ये ऐसा उदाहरण है, जो अभूतपूर्व है।

अहिल्या बाई को सच्ची श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि आज इंदौर और मध्य प्रदेश के लोग स्वच्छाग्रह और नागरिक कर्तव्य को निभाकर देवी अहिल्या बाई को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे हैं। देश, समाज और व्यक्ति के बदलने से पहले सोच का बदलना जरूरी होता है। स्वच्छता को लेकर बदली हुई सोच का परिणाम है कि आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं। जो लोग स्वच्छ भारत का मजाक उड़ाते हैं, उन्हें इंदौर ने दिखा दिया कि बदलने का मतलब क्या होता है। जब से ये रैंकिंग शुरू हुई है, तब से शहरों में स्वच्छता को लेकर एक कम्पटीशन शुरू हुआ है। लोग प्रयास कर रहे हैं, भागीदार बढ़ रही है। चार साल पहले शुरू किए स्वच्छ भारत अभियान को सवासौ करोड़ देशवासियों ने हाथोंहाथ लिया है। देश के 18 राज्यों के 2300 शहरों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है। अगले साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर स्वच्छ भारत का सपना अब बहुत दूर नहीं है। ये सपना पूरा होगा।”

पहले की सरकारों को कूड़ा-कचरा नहीं परेशान करता था

मोदी ने कहा, “गंदगी, यातायात की अव्यवस्था, खराब सड़कें ये पहचान कांग्रेस के शासन काल में शहरों को दी गई थी। मध्यप्रदेश के लोग लंबे समय तक गवाह रहे इस बात का। आज की पीढ़ी के नौजवानों को अपने बड़े-बुजुर्गों से पूछना चाहिए कि पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को कैसा बनाकर रखा था। पहले की सरकारों को कूड़ा-कचरा नहीं परेशान करता था, लोगों को करता था। होता है, चलता है की संस्कृति को हमारी सरकार ने बदला है। सरकार वेस्ट टू वेल्थ, वेस्ट टू एनर्जी के मार्ग पर बढ़ रही है। एक लाख परिवार जो सड़कों, झुग्गी-झोपड़ियों में जीवन बिताते थे, वे अपने घरों में गए। हमारे देश में आवास योजनाएं पहले भी थीं, लेकिन उन्हें कैसे लागू किया गया.. बच्चा-बच्चा जानता है। योजनाओं का नाम, हितग्राहियों का चयन, सामग्री, प्रक्रिया सबमें गड़बड़ी होती थी और ये इतिहास में दर्ज है।”

देश के अनेक सपूतों और उनके योगदान को जानबूझकर किया छोटा

इंदौर से पहले राजगढ़ में प्रधानमंत्री ने एक सभा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद किया। उन्होंने कहा, “डॉ. मुखर्जी का मानना था कि सरकार को शिक्षा के लिए व्यापक सुविधाएं जुटानी चाहिए। युवाओं की प्रतिभा निखारने के लिए उचित माहौल बनाना चाहिए। उनका जीवन विद्या, वित्त और विकास इन तीन मूलभूत चिंतन से जुड़ी धाराओं का संगम था। ये देश का दुर्भाग्य रहा कि एक परिवार का महिमामंडन करने के लिए देश के अनेक सपूतों और उनके योगदान को जानबूझकर छोटा कर दिया गया। आज केंद्र हो या फिर देश के किसी भी राज्य में चलने वाली भाजपा की सरकार हो, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विजन से अलग नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के बारे में कहा, “मालवा में कहावत है- मालव धरती गगन गंभीर, डग-डग रोटी, पग-पग नीर। पहले की सरकारों ने जिस तरह का काम किया, उसमें पानी के साथ ये कहावत भी संकट में पड़ गई। पहले की सरकारों ने मध्यप्रदेश के साथ एक अपमानजनक शब्द जोड़ दिया… बीमारू। तब प्रदेश में बैठी कांग्रेस सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था, उन्हें केवल अपनी जय-जयकार करवाने से ही मतलब था। लेकिन, जब से भाजपा की सरकार राज्य में आई शिवराज सेवक की तरह इस महान भूमि की सेवा कर रहे हैं।”

डैम से फायदा

राजगढ़ की नेवज नदी पर 3800 करोड़ की लागत से मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना तैयार की गई है। इस परियोजना से 2021 तक एक लाख 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। तैयार डैम में 17 गेट लगाए गए हैं। इस डैम की 2700 मीटर लंबाई है, वहीं 48.05 मीटर उंचाई है। इसमें 61.63 करोड़ घनमीटर पानी भराएगा। यह देश की पहली परियोजना है, जिसमें सबसे लंबी पाइप लाइन से सीधे पानी की सप्लाई की जाएगी। इसमें खेतों तक अंडरग्राउंड पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। इसमें पानी की बर्बादी न के बराबर होगी। मोहनपुरा डैम के बाद दूसरे नंबर पर संभवत: गरोठ स्थित गांधी सागर बांध से इस प्रकार पानी सप्लाई करने की तैयारी की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *