कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में साजिश की आशंका जाहिर कर रहे लोगों से भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपील की है। IAF ने कहा है कि हमने इस हादसे की ट्राई सर्विस इन्क्वायरी शुरू कर दी है। जांच तेजी से चल रही है और उसके बाद फैक्ट सामने आ जाएंगे। IAF ने कहा कि तब तक शहीदों की खातिर बेवजह के अंदाजों से बचना चाहिए।
IAF का इशारा उन रिपोर्ट्स की तरफ था, जिनमें आशंका जाहिर की गई है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर हादसे नहीं, बल्कि किसी साजिश का शिकार हुआ है। अब जरा सवाल-जवाब में समझिए IAF को ऐसी अपील क्यों करनी पड़ी…
हेलिकॉप्टर हादसे की जांच किसे सौंपी गई, रिपोर्ट कब तक आएगी?
ट्राई सर्विस इन्क्वायरी एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुआई में की जाएगी। सिंह इंडियन एयर फोर्स की ट्रेनिंग कमांड के कमांडर हैं और वे खुद भी हेलिकॉप्टर पायलट हैं। इस जांच दल में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही टेक्निकल टीम भी शामिल होंगी। जांच हादसे के दिन यानी 8 दिसंबर को ही शुरू हो गई थी। IAF ने तारीख नहीं बताई, लेकिन यह कहा है कि जांच के नतीजे जल्द ही सामने आएंगे।
IAF को ऐसी अपील आखिर क्यों करनी पड़ी?
पहली वजह: कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि जनरल रावत का हेलिकॉप्टर हादसे का नहीं, बल्कि साजिश का शिकार हुआ है। सेना के कई रिटायर्ड अफसरों और खुद भाजपा के सांसदों ने हादसे पर सवाल उठाया है।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सेना के बड़े अफसर की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत की घटना अपने ही देश में हुई है। उस हेलिकॉप्टर को चलाने वाला स्टाफ मिलिट्री का ही था। इसलिए मेरा कहना है कि मिलिट्री पर कोई दबाव नहीं आना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि जो तथ्य हैं उन्हें दबा दिया जाए या जो आधार हैं, उन पर अंकुश लगा दिया जाए। इस जांच के लिए ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो सेना से नहीं हो और सरकार के अधीन भी न हो, वह केवल सुप्रीम कोर्ट का जज ही हो सकता है।
दूसरी वजह: जनरल रावत की तरह ही एक साल पहले ताइवान के मिलिट्री चीफ भी विमान हादसे में मारे गए थे। सोशल मीडिया पर कई एक्सपर्ट ने दोनों घटनाओं को जोड़ते हुए कहा कि रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे चीन का हाथ हो सकता है, क्योंकि रावत चीन को हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देते थे। ताइवान के मिलिट्री चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल शेन यी मिंग भी चीन के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर रहे थे।
कॉन्स्पिरेसी थ्योरी में कितना दम?
भारतीय सेना में 35 साल सर्विस देने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने भास्कर से बातचीत में दावा किया था कि जिस इलाके में हादसा हुआ, वहां के लोगों का भी LTTE को भरपूर समर्थन रहा है। ऐसे में पूरी आशंका है कि CDS का हेलिकॉप्टर क्रैश एक साजिश के तहत किया गया हमला हो, जिसमें LTTE के स्लीपर सेल शामिल हों। अगर ये हमला हुआ तो इसमें ISI का भी LTTE को समर्थन और सहयोग हो सकता है।
अब तक की जांच में क्या मिला?
1. एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने हादसे वाली जगह का निरीक्षण किया।
2. हादसे के अगले दिन दुर्घटना वाली जगह से हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया।
3. हेलिकॉप्टर में लगा कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर भी हासिल किया जा चुका है।