2007 में गोरखपुर और आसपास के इलाक़ो में दंगे हुए थे। योगी आदित्यनाथ पर इसमें शामिल होने और लोगों को भड़काने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक नोटिस जारी किया है। यह नोटस योगी आदित्यनाथ द्वारा 2007 में दिए गए एक भड़काऊ भाषण को लेकर जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा है कि योगी द्वारा 2007 में दिए गए घृणास्पद भाषण के लिए उनपर मुकदमा क्यों नहीं चलना चाहिए?
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
बता दें कि इस मामले में मुकदमा रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने चार हफ्ते के भीतर सरकार से जवाब मांगा है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले पर मुहर लगाई थी। इसलिए यूपी सरकार ने केस चलाने की कानूनी कार्रवाई के लिए इजाजत नहीं दी थी।
मालूम हो कि 2007 में गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के एक भाषण के बाद दंगा हो गया था। दंगे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 2008 में मोहम्मद असद हयात और परवेज ने दंगों में हुई मौत के बाद सीबीआई जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें योगी द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण को दंगे की वजह बताया गया था। इसके बाद योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी भी हुई थी। इस दौरान उन्हें 11 दिनों की पुलिस कस्टडी में भी रखा गया था।