शुभम सलगावंकर, पणजी: यह एक ऐसा दौर है जब कांग्रेस अपनी जड़ों को मजबूत करने की कोशिश में हर संभव प्रयास कर रही है। उसी समय गोवा में एक गठबंधन होता है, सियासी गठबंधन जिसके सदस्य हैं गोवा विधान सभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के नेता दिगंबर कामत और भाजपा नीत NDA की सदस्य गोवा फॉवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई के बीच में। विधानसभा चुनावों के आठ महीने पहले यह गठबंधन हुआ है गोवा के मरागो में म्यूनिसिपल चुनावों के लिए। दिगंबर कामत के साथ इस गठबंधन में उनका साथ दे रहे हैं कांग्रेस विधायक रिजीनाल्डो लॉरेंजो। NDA की सदस्य पार्टी गोवा फावर्ड पार्टी के मुखिया विजय सरदेसाई भाजपा की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
गठबंधन पर सवाल
इस गठबंधन के बाद गोवा में सियासी हलचल तेज हो गयी है। गोवा के लोग इस गठबंधन पर सवाल खड़े करते हुए इस बात पर संदेह कर रहे हैं कि जो दस विधायक कांग्रेस से चुनाव हार कर बीजेपी में शामिल हो गये थे क्या वह वापस आयेंगे। गौरतलब हैं कि स्थानीय नगरपालिकाओं के चुनाव पार्टी के प्रतीकों पर नहीं लड़े जाते। कांग्रेस विधायक दल के नेता के एनडीए की सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी के साथ हाथ मिलाने से गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उथलपुथल का माहौल है।
कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने किया विरोध
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने दिगंबर कामत के इस कदम का विरोध करते हुए इस गठबंधन के उम्मीदवारों के नामांकन से किनारा कर लिया, इतना ही नही स्थानीय कांग्रेस सांसद फ्रांसिस्को सरदीन्हा ने स्थानीय ईकाई का समर्थन किया है।
विजय सरदेसाई की गोवा फॉवर्ड पार्टी 2017 में बीजेपी का दामन थामते हुए सरकार में आ गयी थी। पार्टी के सभी 3 विधायकों को गोवा में मनोहर पर्रिकर सरकार में मंत्री पद से नवाजा गया था। इतना ही नहीं गोवा फॉवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वर्तमान प्रमोद सांवत सरकार में भी गोवा फॉवर्ड पार्टी का समर्थन बीजेपी के साथ है।
इन सबके बीच में सबसे बड़ा नुक्सान कांग्रेस पार्टी का हो रहा है, क्योंकि गोवा विधानसभा चुनावों में मुश्किल से 8 महीने का वक्त है और ऐसे समय में दिगंबर कामत का यह कदम कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।