आगरा : आगरा में संजलि हत्याकांड के पांच दिन बाद भी गांव लालऊ में दहशत का माहौल है। गांव की बेटियां ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। वे सहमी हुई हैं, क्योंकि संजलि को जिंदा जलाने वाले हमलावर अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। यहां तक आरोपियों का अब तक कोई सुराग भी नहीं लगा है। वारदात से सहमे परिजन अपनी बेटियों को स्कूल पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं। गांव लालऊ की 100 से अधिक लड़कियां पढ़ती है। इनमें ज्यादातर छात्राओं को पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता है। संजलि की हत्या के पांच दिन बीतने के बाद भी गांव की लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं। अभी भी दहशत बनी हुई है। उनका कहना है कि जब तक संजलि को इंसाफ नहीं मिलता, तब तक वे स्कूल नहीं जाएंगीं।
हमारी बेटियां घर पर ही बैठी रहेंगी
ग्रामीणों ने कहा कि अगर पुलिस हत्यारों का पता लगाकर उन्हें नहीं पकड़ पाती है, तो हमारी बेटियां घर पर ही बैठी रहेंगी। आखिर उन्हें भेजें भी तो किस भरोसे, जैसे संजलि को जलाया वैसे ही हमारी बेटी को भी जला दिया तो कौन जिम्मेदार होगा? आखिर हत्यारे अभी खुले घूम रहे हैं। संजलि के पिता हरेंद्र ने कहा कि उन्होंने बेटियों की फीस भरने के लिए कर्ज तक लिया, कभी हिम्मत नहीं टूटी लेकिन अब डर लग रहा है, अभी बेटियों को स्कूल नहीं भेजेंगे। अगर संजलि के हत्यारे नहीं पकड़े गए तो उसकी बीएससी में पढ़ने वाली बड़ी बहन अंजलि की पढ़ाई आगे नहीं बढ़ पाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्ती दिखाएं
संजलि की मां अनीता ने भी यही कहा कि हम सभी से कहते हैं कि बेटा-बेटी में फर्क न करो, बेटियों को भी पढ़ाओ, लेकिन अब कैसे कहें? अगर किसी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्ती दिखाएं तो पुलिस 24 घंटे में हत्यारों को ढूंढ निकालती है, फिर हमारी बिटिया के मामले में देरी क्यों हो रही है? गांव लालऊ की कल्पना, सोनिया, रानी, राखी का कहना था कि पूरे गांव ने यह फैसला लिया है कि पहले हत्यारों की गिरफ्तारी, फिर बेटियों की पढ़ाई। लालऊ के पूर्व प्रधान भूपेंद्र सिंह का कहना है कि घटना से गांव ही नहीं, आसपास की बेटियां भी बुरी तरह भयभीत हैं।