गोरखपुरः उत्तर प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर लगातार परिषदीय अनुदेशक अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। सरकार भी उस पर कुछ हल निकालने के बजाय सख्त रुख अपनाये हुए है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर में लगे जनता दरबार के बाहर आज परिषदीय अनुदेशकों ने जमकर प्रदर्शन किया। वहीं मामला बढ़ता देख पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
जानकारी के मुताबिक आज परिषदीय अनुदेशक संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में अनुदेशकों ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री के जनता दरबार के बाहर प्रदर्शन किया। अनुदेशक बढ़े हुए 17000 रुपए मानदेय के भुगतान की मांग कर रहे हैं। परिषदीय अनुदेशक संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह के नेतृत्व में काफी संख्या में अनुदेशक बुधवार की सुबह ही गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। उन्होंने मांगें लिखी हुई तख्तियां हाथ में ले रखी थीं।
कई अनुदेशकों हिरासत में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जैसे ही जनता दरबार में आने की तैयारियां शुरू हुईं तो उनका प्रदर्शन तेज हो गया। अनुदेशक मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहना चाहते थे। मामला बढ़ता देख सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों ने प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह सहित कई अनुदेशकों को हिरासत में ले लिया। प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि अब तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय से दो किस्त धनराशि सर्व शिक्षा अभियान परियोजना कार्यालय, लखनऊ को प्राप्त हो चुकी है।
अनिश्चितकालीन धरना
अनुदेशकों के 17 हजार रुपए मानदेय के साथ ही शिक्षामित्र का 10 हजार रुपया व आइटी टीचर का 14500 रुपया मानदेय स्वीकृत हुआ था। दोनों का बढ़ा मानदेय मिल रहा है लेकिन अनुदेशकों को बढ़ा मानदेय नहीं मिल रहा। करीब 16 माह बीत जाने के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक मानदेय का शासनादेश नहीं जारी हुआ, जिससे 31000 अनुदेशक और उनके परिवार अवसाद के शिकार हैं। हम मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने आए थे। अनुदेशक नगर निगम परिसर में रानी लक्ष्मीबाई पार्क में कल से यहां पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।