उत्तर प्रदेश

Crime- रायबरेली में गलत रिपोर्ट बनाकर मरीजों को ऑपरेशन के लिए फंसा रहे डॉक्टर, जिम्मेदार मौन

आशीष सिंह विक्रम, रायबरेली: डॉक्टर को लोग भगवान का रूप मानते हैं और उसी आस्था से डॉक्टर के पास जाते हैं कि उनको वह रोगों से मुक्ति दे। समय के साथ कई ऐसे शातिर लोग इस पेशे में आ गये जिन्होंने इसे पैसा छापने का साधन बना लिया वह भी लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक निजी डॉयगनोस्ट सेंटर की मालकिन MBBS डॉक्टर जो खुद को सोनोलॉजिस्ट बताती है, उसने एक महिला का गैरजिम्मेदाराना तरीके से अल्ट्रासाउंड करके गलत रिपोर्ट दी जिसमें उसने मरीज को बताया कि उस यूट्रस फैटी है और शहर की दूसरी नामी महिला चिकित्सक जिसके पास वह इलाज के लिये आयी थी, उसने महिला को ऑपरेशन के लिए बता दिया कि 6 हजार रुपये लेकर आना, यूट्रस निकालना भी पड़ सकता है। यह सुनते ही महिला सदमे में आ गयी। एक बात और गौर करने वाली है कि महिला चिकित्सक ने जब अल्ट्रासाउंड करवाने को बोला तो उसी डॉयगनोस् सेंटर में अल्ट्रासाउंड करवाने को बोला कि कहीं और मत करवाना।

महिला ने दोबारा उस चिकित्सक के पास ना जाकर अपना दूसरा अल्ट्रासाउंड लखनऊ के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में करवाया और वहां की रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं था। वहां की रिपोर्ट में सब कुछ सामान्य था। महिला के पति ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रायबरेली के मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां लिखित शिकायत की लेकिन 1 महीने से ज्यादा समय होने पर भी विभाग मौन है या शायद सांठगांठ से मामले को दबाने में लगे हों। महिला के परिजनों ने कहा वह मामले को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के समक्ष उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो कोर्ट में इन भ्रष्ट डॉक्टरों के बेनकाब करेंगे।

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ खुद इस तरह के डॉक्टरों पर सख्ती से अकुंश लगाने का निर्देश देते रहते हैं उसके बावजूद रायबरेली का चिकित्सा विभाग आंख मूंद कर लोगों के स्वास्थ्य को मजाक बनाये हुए है। इसके पहले भी इस तरह के अनेक मामले प्रकाश में आये लेकिन जिम्मेदार विभाग ने सांठगांठ करके मामले को दबा दिया और मरीज को उसके हाल पर छोड़ दिया।

साेचने वाली बात यह है कि इस महिला के परिजनों ने जागरुकता दिखाते हुए दूसरी जगह सलाह ली और अपनी जांच करवायी लेकिन ना जाने कितने ऐसे परिवार होंगे जिन्होंने इन लालची डॉक्टरों का झांसे में आकर अपना ऑपरेशन करवा लिया होगा और अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता किया होगा। शहर में ऐसे कई डॉयगनोस् सेंटर हैं जो पैसा खिलाकर विभाग की सरपरस्ती में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेल रहे हैं।

द फ्रीडम स्टॉफ
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