नई दिल्ली : अयोध्या विवाद पर सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बयान नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की तरफ से आया है। अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए और इसका समाधान ढूंढा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस मामले को कोर्ट में ले जाने की क्या जरूरत है? मुझे पूरा भरोसा है कि बातचीत के जरिए इसे सुलझाया जा सकता है।’ अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, वह पूरी दुनिया के हैं। उन्होंने कहा, ‘भगवान राम से किसी को बैर नहीं है और होना भी नहीं चाहिए। कोशिश करनी चाहिए मामले को सुलझाने की और बनाने की। जिस दिन यह हो जाएगा, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा।’
बीजेपी पर भी हमला
इस दौरान अब्दुल्ला ने बीजेपी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पिछले पौने पांच साल में कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘मंदिर बनाने से बीजेपी का कोई सरोकार नहीं है। ये लोग सिर्फ कुर्सी पर बैठने के लिए मंदिर की बात उठाते हैं।’
समाधान कोर्ट से ही होना चाहिए
वहीं इस मामले में एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि इस मामले का समाधान कोर्ट से ही होना चाहिए। अंसारी ने मंदिर मामले पर पीएम मोदी के बयान का समर्थन भी किया, जिसमें उन्होंने कानून प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करने को कहा था। वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मान्य होगा। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पीएम मोदी के बयान पर इस मामले पर किसी भी टिप्पणी की जरूरत नहीं रह जाती है।