आशीष विक्रम, वाराणसी : कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वाराणसी में आवश्यक संसाधनों को पूरा करने के लिए गुजरात सरकार के पूर्व आईएएस और एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा को केंद्र और राज्य सरकार से समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन ने उन्हें सुचारु व्यवस्था बनाने और वाराणसी में प्रभावी रोकथाम के लिए प्रशासन व पुलिस के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले एके शर्मा वाराणसी सहित आसपास के जिलों में समन्वय देखेंगे। वाराणसी में तेजी से बढ़े संक्रमण पर प्रधानमंत्री कार्यालय सक्रिय हुआ है और रिपोर्ट तलब की है। पीएमओ अरविंद कुमार से संपर्क में रहकर संक्रमण रोकथाम की कवायद करेगा। सोमवार रात वाराणसी पहुंचने के बाद उन्होंने मंगलवार को अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की।
बढ़ रहे संक्रमितों की संख्या को देख उन्होंने अस्पतालों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। हेरिटेज मेडिकल कॉलेज को 500 बेड और राजकीय आयुर्वेद कालेज को 200 बेड की क्षमता के साथ संचालन पर चर्चा की। उन्होंने दवा, आक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की जानकारी ली।
बैठक में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है। आक्सीजन की आपूर्ति तो पर्याप्त है, मगर सिलिंडर की कमी हो रही है। इस पर उन्होंने शासन से बात कर सिलिंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए टाइअप कराया।
BHU को चेतावनी, 800 बेड की करें तैयारी
एमएलसी एके शर्मा ने बैठक में बीएचयू के अधिकारियों से साफ कहा कि मेडिकल कालेज के छात्रों को भी सक्रिय करें और 800 बेड संचालन की तैयारी करें। सुपर स्पेशिएलिटी के साथ दूसरी बिल्डिंग में संचालन शुरू कराएं। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना इलाज का कोई मरीज नहीं रहेगा।
पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी
एमएलसी एके शर्मा ने वाराणसी में पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस सख्ती करे और बाइक व कार में बिना मास्क वालों का चालान किया जाए। सामाजिक दूरी का पालन कराएं। बुधवार को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर सख्ती की रणनीति बनाई जाएगी।
एक सप्ताह के आइसोलेशन के बाद लौटे DM
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा एक सप्ताह के होम आइसोलेशन के बाद मंगलवार को फील्ड में उतरे। उन्होंने कोविड कमांड कंट्रोल रूम में बैठक की और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बता दें कि बुखार आदि के चलते जिलाधिकारी होम आइसोलेट हो गए थे। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के वाराणसी प्रवास के दौरान जिलाधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक और अन्य काम करते रहेे।