देश

पुलवामा हमले पर भारत ने पाक को फटकारा, कहा- मसूद अजहर को शरण देना जारी

नई दिल्ली ब्यूरो : भारत ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने से बचने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई और बताया कि इस मामले के प्रमुख आरोपित जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को उस देश में शरण मिलना जारी है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि पुलवामा हमले के मामले में चार्जशीट एक जांच के बाद डेढ़ साल में दाखिल की गई है। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी। संगठन और उसका नेतृत्व पाकिस्तान में है। यह खेदजनक है कि चार्जशीट में पहले आरोपित मसूद अजहर को पाकिस्तान में पनाह मिलना जारी है।

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ पर्याप्त साक्ष्य साझा किए गए हैं, लेकिन उसका जिम्मेदारी से बचना जारी है।’राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पुलवामा आतंकी हमले के मामले में एक आरोप पत्र दायर किया जिसमें बताया गया है कि कैसे पाकिस्तान स्थित इस आतंकी संगठन ने हमले की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। श्रीवास्तव ने कहा, ‘आतंकवाद के कृत्य वाले अपराधियों को सजा दिलाने के लिए यह आरोप पत्र दायर किया गया है। हमारा उद्देश्य केवल बयान या अधिसूचना जारी करना नहीं है।’भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था।

श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के अपराधियों के खिलाफ अभी तक कोई विश्वसनीय कार्रवाई नहीं की है।देश में दाऊद इब्राहिम की उपस्थिति पर पाकिस्तान के यू-टर्न पर, उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने कभी भी आतंकवादी संगठनों या सूचीबद्ध व्यक्तियों के खिलाफ कोई विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई नहीं की है, जिसमें मोस्ट वांटेड भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के बाद में इन्कार करने से उनके इरादों पर सवाल उठता है और यह विश्व समुदाय को इसके प्रचार पर विश्वास नहीं करेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को विश्वसनीय कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सूचीबद्ध व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया जाए। दाऊद इब्राहिम का नाम उन 88 लोगों की सूची में शामिल है, जिन्हें पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) के रूप में प्रकाशित किया गया था। हालांकि, बाद में पाकिस्तान ने मीडिया रिपोर्टों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एसआरओ सूची देश में इब्राहिम की मौजूदगी की स्वीकार्यता है।

द फ्रीडम स्टॉफ
पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें।
https://thefreedomsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *