सौरभ अरोरा की रिपोर्ट: आपातकाल या इमरजेंसी का वो ख़तरनाक दौर जिसमें अपने निजी फ़ायदे या राजनीति बचाने के लिए इंद्रिरा गांधी ने पूरे देश को बंधक बना लिया यहां तक कि दूसरे राजनीतिक दलों, नेताओं और चौथे स्तंभ को भी गिरफ़्त में ले लिया था। जिसमें जहां एक ओर प्रशासनिक मशीनरी जनता पर कहर ढा रही थी तो कुछ लोग इस दौरान अपना हित साधने में नहीं चूक रहे थे। संजय गांधी की मित्र मंडली में शामिल मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद और वर्तमान में जिनको मध्यप्रदेश कांग्रेस की अध्यक्षी सौंप विधानसभा चुनावों का दारोमदार सौंपा गया वो कोई और नहीं कमलनाथ हैं जिनके लिए तो उस समय आपातकाल मुनाफ़ा कमाने का जरिया बन गया।
वैसे कमलनाथ का मध्यप्रदेश से सिर्फ़ राजनीतिक रिश्ता है। वह रहने वाले पश्चिम बंगाल के हैं और वहां मोटा कारोबार भी है। उनकी असली ताक़त गांधी परिवार से उनकी पुरानी मित्रता है। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती के किस्से आज भी राजनीतिक गलियारों में क़ानाफूसी में ही कहे जाते हैं। दोनों की दोस्ती देश के जानेमाने दून स्कूल से ही थी। आपातकाल से पहले तक उनकी कंपनी ईएमसी लिमिटेड जमकर घाटे में चल रही थी। कहा जाता है कि कंपनी को अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं थे। आपातकाल के बाद कंपनी जमकर मुनाफ़े में आ गई। आपातकाल में देश में होने वाले ज्यादातर कामों के ठेके कमलनाथ की ही कंपनी को ही मिले। दिसंबर 1975 से जुलाई 1976 के बीच ही इनकी कंपनी को चार करोड़ 73 लाख रुपए के ठेके दिए गए। कंपनी ने ठेके तो लिए और काम का भुगतान भी ले लिया पर काम कुछ भी नहीं किया। बाद में ईएमसी कंपनी को ठेके देने के मामले की जांच के लिए आयोग बनाया गया। इस आयोग की अपनी बैठक जनवरी 1978 में हुई थी। इसके बाद कुछ नहीं हुआ। बाद के सालों में आयोग का क्या हुआ यह भी पता नहीं चला।
चरण सिंह से बढ़ाई नजदीक
आपातकाल के बाद कमलनाथ के लिए परेशानी वाले दिन शुरू हो गए थे पर उन्होंने स्थितियों का सही लाभ उठाया। वे अपनी कंपनी की जगह विरोधियों से उलझने पर ज्यादा ध्यान देने लगे। कमलनाथ की डायरी का एक हिस्सा वरूण सेन गुप्त की किताब, ‘लास्ट डेज़ आफ मोरारजी राज’ में छपा है। इसके मुताबिक चरण सिंह के साथ गोटी बिठाने में उनकी खासी भूमिका रही है। उन दिनों वे सुरेश राम, भजन लाल, बीजू पटनायक, राजनारायण, चरण सिंह और इंदिरा गांधी के बीच पुल बने हुए थे।
बीजेपी कमलनाथ को कलकत्ता के सेठ बुलाती है
बीजेपी के लोग कमलनाथ कलकत्ता का सेठ कहते हैं और शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे तक के कार्यकर्ता चुनाव में जनता को महाराजा और धन्नसेठ(कमलनाथ) को मध्यप्रदेश की कमान न सौंपने की अपील करते हैं।
अब उस ख़तरनाक समय में गांधी परिवार ने कमलनाथ को फ़ायदा पहुँचाया था डूबती हुई कंपनियों को बचा फ़ायदे में लाया था। कह सकते हैं कि ये इमरजेंसी तो देश और बाकि नेताओं के लिए थी लेकिन कमलनाथ के लिए जैकपाॅट था जिसने उन्हें संवार दिया किस्मत बदल दी और गांधी परिवार की विशेष कृपा का ही कहीं न कहीं परिणाम है जो आज जानकारी अनुसार वो 23 कंपनियों के मालिक/डायरेक्टर /शेयरहोल्डर हैं
ये हैं वो कंपनियां जिसमें कमलनाथ के परिवार वाले मालिक/डायरेक्टर हैं।
SPAN PLANTATIONS PRIVATE LIMITED
SPAN AGRO PROPERTIES PVT LTD
EMC STEELAL LTD
GREEN VALLEY PROPERTIES PRIVATE LIMITED
NEELKAMAL REALTY PRIVATE LIMITED
SHAKA PROPERTIES PVT.LTD.
SPAN LEISURE PROJECTS PRIVATE LIMITED
SPAN MOTELS PRIVATE LIMITED
NAKUL SECURITIES PRIVATE LIMITED.
SHAKA ESTATE & FINANCE PVT.LTD.
UNIQUE TECHNOBUILD PRIVATE LIMITED
ROBINSON REALTY PRIVATE LIMITED
INTERNATIONAL MANAGEMENT TECHNOLOGIES PRIVATE LIMITED
NETVANTAGE TECHNOLOGIES PRIVATE LIMITED
MAGNUM ASSOCIATES PRIVATE LIMITED
INTENSE MANAGEMENT TECHNOLOGY PRIVATE LIMITED
SPAN AIR PRIVATE LIMITED.
GREENHILL PROPERTIES PRIVATE LIMITED
RAM KANTA PROPERTIES PVT LTD
CENTENARY TRADING PRIVATE LIMITED
BAKUL HOLDINGS PRIVATE LIMITED.
NETVANTAGE TECHNOLOGIES PRIVATE LIMITED
ALZO INVESTMENTS PRIVATE LIMITED