The Freedom News: देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के पहले चरण की शुरूआत कल यानी 10 फरवरी को आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से हो जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी है। तैयारियां ना सिर्फ सियासी दलों की ओर से बल्कि प्रशासन ने भी सुरक्षा और चुनाव को अच्छे से संपन्न कराने की कर ली है। आपको बता दें, कल यूपी में पहले चरण का चुनाव होगा, जिसके लिए सुबह 7 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा। 58 में से करीब 18 हॉट सीट हैं, जहां कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी हुई है। इसलिए BJP और सपा-रालोद गठबंधन के लिए भी पहला चरण किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। वहीं कांग्रेस भी इस चरण के चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी और सपा-रालोद गठबंधन का खेल बिगाड़ सकती है।
पहले चरण में कौन सी हैं 18 हॉट सीटें?
आपको बता दें, जिन 18 हॉट सीट की हम बात कर रहे उनमें कैराना, बागपत, सरधना, हस्तिनापुर, सिवाल खास, किठौर, लोनी, साहिबाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर, जेवर, अतरौली, मथुरा, आगरा देहात, बड़ौत, मांट, मोदीनगर, बुलंदशहर सदर सीट शामिल हैं। बता दें, वहां समाजवादी पार्टी का परंपरागत यादव वोट बैंक बहुत कम है। इसलिए अखिलेश यादव का पूरा फोकस मुसलमानों और जयंत चौधरी के सहारे जाटों पर है। वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिलेश राज में बढ़ते अपराध की खामियां और BJP के शासन में कानून का राज कायम होने की बात कहकर सभी वर्गों को साधने का प्रयास कर रहे हैं।
इन 18 हॉट सीट पर बीजेपी, सपा-रालोद, कांग्रेस के कौन कौन प्रत्याशी हैं?
कैराना से BJP से मृगांका सिंह, सपा-रालोद गठबंधन से नाहिद हसन, कांग्रेस ने हाजी अखलाक को मैदान में उतारा है। वहीं बागपत से बीजेपी ने योगेश धामा, रालोद-सपा गठबंधन ने नवाब अहमद हमीद और कांग्रेस ने अनिल देव त्यागी को टिकट दिया है। बात सरधना की करें तो यहां से बीजेपी से संगीत सोम, सपा-रालोद गठबंधन से अतुल प्रधान और कांग्रेस ने सैयद रैनुद्दीन को मैदान में उतारा है। हॉट सीटों में से एक हस्तिनापुर में बीजेपी से दिनेश खटीक, सपा-रालोद गठबंधन से योगेश वर्मा और लड़की हूं लड़ सकती हूं की तर्ज पर कांग्रेस ने अर्चना गौतम को यहां से टिकट दिया है। हाल ही में प्रियंका गांधी और सचिन पायलट अर्चना के लिए वोट मांगने के लिए जनता के बीच गए थे। वहां जनता का खासा समर्थन भी देखने को मिला था। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी यहां बीजेपी-सपा-रालौद के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
सिवाल खास विधानसभा सीट की बात करें तो बीजेपी से मनिंदर पाल सिंह, सपा-रालोद गठबंधन से गुलाम मोहम्मद और कांग्रेस से जगदीश शर्मा मैदान में है। किठौर सीट पर बीजेपी ने सत्यवीर त्यागी, सपा-रालोद गठबंधन ने शाहिद मंजूर और कांग्रेस ने डा. बबीता सिंह गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है। लोनी से बीजेपी ने नंदकिशोर गुर्जर, सपा-रालोद गठबंधन से मदन भैया और कांग्रेस से मोहम्मद यामीन मलिक चुनाव मैदान में हैं। साहिबाबाद सीट से बीजेपी से सुनील शर्मा, सपा-रालोद गठबंधन से अमरपाल शर्मा और कांग्रेस की ओऱ से संगीता त्यागी को उम्मीदवार बनाया गया है। सबसे हॉट सीटों में से एक नोएडा की बात करें तो बीजेपी की ओर से मौजूदा विधायक और राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को टिकट दिया गया है, वहीं कांग्रेस से पंखुड़ी पाठक को मैदान में उतारा गया है। यहां भी मुकाबला कड़ा देखने को मिल सकता है।
मुजफ्फरनगर में BJP से कपिल देव अग्रवाल, सपा-रालोद गठबंधन से सौरभ स्वरूप, कांग्रेस की ओर से सुबोध शर्मा को टिकट दिया गया है। बात जेवर सीट की करें तो BJP से धीरेंद्र सिंह, सपा-रालोद गठबंधन से अवतार सिंह भड़ाना और तुगलपुर के रहने वाले मनोज चौधरी को कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। अतरौली से बीजेपी से संदीप सिंह, सपा-रालोद गठबंधन से वीरेश यादव औऱ कांग्रेस ने लोधी समाज के धर्मेंद्र कुमार को टिकट दिया है। मथुरा में BJP से श्रीकांत शर्मा, सपा-रालोद गठबंधन से देवेंद्र अग्रवाल और कांग्रेस से प्रदीप माथुर को कांग्रेस ने मैदान पर उतारा है। आगरा देहात से बीजेपी से बेबी रानी मौर्य, जो उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल भी रही हैं, सपा-रालोद से महेश जाटव को मैदान में उतारा गया है। बड़ौत से बीजेपी से कृष्णपाल मलिक, सपा-रालोद गठबंधन से जयवीर तोमर औऱ कांग्रसे की ओर से राहुल को मैदान में उतारा गया है। मांट से बीजेपी से राजेश चौधरी, सपा-रालोद गठबंधन से संजय लाठर को प्रत्याशी घोषित किया गया है। बुलंदशहर सदर से बीजेपी से प्रदीप चौधरी, सपा-रालोद गठबंधन से हाजी यूनुस, कांग्रेस की ओऱ से सुशील चौधरी को टिकट दिया गया है, वहीं मोदीनगर सीट से – बीजेपी से डॉक्टर मंजू शिवाच और सपा-रालोद गठबंधन से सुदेश गर्ग
11 जिलों की 58 विधानसभा सीटें कौन कौन सी हैं?
शामली में यहां कुल तीन विधानसभा सीटें (कैराना, थाना भवन, शामली) हैं। 2017 में दो सीटों पर BJP, जबकि एक पर सपा प्रत्याशी की जीत हुई थी। हापुड़ में तीन विधानसभा सीटें हैं। पिछली बार इनमें से दो पर BJP जबकि एक पर बसपा की जीत हुई थी। बागपत में विधानसभा की तीन सीटें (छपरौली, बरौत, बागपत) हैं। 2017 में इनमें से दो पर BJP जबकि एक पर रालोद प्रत्याशी की जीत हुई थी। मेरठ में विधानसभा की सात ( मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ, सरधना, हस्तीनापुर, किठौर, सिवालखास ) सीटें हैं। पिछली बार इनमें से छह पर BJP जबकि एक पर सपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी
गाजियाबाद की बात करें तो एनसीआर में पड़ने वाले इस जिले में विधानसभा की कुल पांच सीटें (लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदी नगर) हैं। 2017 में सभी सीटें BJP के खाते में गईं थीं। मुजफ्फरनगर की बात करें तो पश्चिमी यूपी के इस महत्वपूर्ण जिले में 6 विधानसभा सीटें (बुढ़ाना, चरतावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर) हैं।
नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) की बात करें तो यहां की तीन सीटों पर 2017 में BJP उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। ये तीन सीटें नोएडा, दादरी, जेवर हैं। हापुड़ की बात करें तो यहां विधानसभा की सीटें (दौलाना, हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर) हैं। अलीगढ़ में सभी सात सीटों पर 2017 में BJP प्रत्याशियों ने ही जीत हासिल की थी। ये सीटें खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़, इगलास हैं।
बुलंदशहर में सात विधानसभा सीटें (सिंकदराबाद, बुलंदशहर, सयाना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर,खुर्जा) हैं और 2017 में सभी BJP के खाते में गईं थीं। आगरा में विधानसभा की नौ सीटें (खेरा गढ़, एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा रूरल, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद और बाह) हैं। 2017 में सभी सीटों पर BJP की जीत हुई थी और आखिर में मथुरा जिला है जहां विधानसभा की पांच सीटें (छाता, मंत, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव)हैं और इनमें चार पर BJP ने जीत हासिल की थी, जबकि एक पर बसपा प्रत्याशी ने परचम लहराया था।
2017 में 58 में से 53 सीट जीती थी BJP, इस बार मुश्किल होगी राह!
बात साल 2017 के चुनाव की करें तो मोदी लहर के चलते बीजेपी ने इन 58 विधानसभा सीटों में से 53 पर कब्जा जमाया था, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिजिकल रूप से चुनाव में नहीं उतरने का खामियाजा शायद बीजेपी को उठाना पड़ सकता है। 2017 में सपा और बसपा के खाते में दो-दो सीटें गईं थी, जबकि एक पर रालोद प्रत्याशी की जीत हुई थी, जो बाद में BJP में शामिल हो गए थे। बता दें, 2017 में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। वहीं रालोद और बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा था।
पिछली बार जीत का कारण मोदी लहर को ही माना जा रहा था, लेकिन पिछले 5 सालों में यूपी ने वो सब देखा जो बीजेपी सुधारने के लिए सत्ता में आई थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी कांड के चलते यहां वोटर्स का मिजाज कुछ बदला सा नजर आ रहा है। समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन इसका फायदा उठाना चाहता है। वहीं, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अलग से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। ऐसे में अब आखिरी फैसला जनता के हाथ में है। 10 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों होने वाले मतदान पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि इसका सीधा असर बाकी 345 सीटों पर पड़ना तय माना जा रहा है।
दांव पर है इन दिग्गजों का भविष्य!
कैराना विधानसभा की बात करें तो यहां पलायन के मुद्दे को उजागर करने वाले BJP सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को BJP ने चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि सपा प्रत्याशी नाहिद हसन जेल से ही उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। इसी तरह मेरठ की सरधना सीट से एक बार फिर BJP के फायरब्रांड विधायक संगीत सोम और अखिलेश यादव के बेहद करीबी अतुल प्रधान के बीच कांटे की टक्कर है। गाजियाबाद की हॉट सीट लोनी से नंदकिशोर गुर्जर और सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी के बीच बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है तो नोएडा में BJP प्रत्याशी पंकज सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक टक्कर देती नजर आ रही हैं। वहीं मथुरा सीट से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की साख दाव पर लगी हुई है।