National Bureau:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की डायबिटीज को लेकर विवाद बढ़ गया है। तिहाड़ के अफसर ने शनिवार 20 अप्रैल को दावा किया कि केजरीवाल जेल आने के महीनों पहले इंसुलिन लेना बंद कर चुके थे। वे (केजरीवाल) सामान्य एंटी-डायबिटीज दवा मेटफॉर्मिन खाते हैं। ये रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी गई है।
तिहाड़ जेल ने दिल्ली के मंत्री आतिशी के बयान के बाद ये जवाब दिया है। आतिशी ने कहा था- भाजपा के इशारे पर केजरीवाल को जेल में मारने की साजिश हो रही है। केजरीवाल 12 साल से इंसुलिन ले रहे हैं। तिहाड़ प्रशासन को उन्हें इंसुलिन देने में आखिर क्या समस्या है? आतिशी ने ये भी कहा था कि केजरीवाल जेल जाने से पहले से रोज 50 यूनिट इंसुलिन लेते हैं।
आतिशी का दावा- केजरीवाल का शुगर लेवल हाई, फिर भी इंसुलिन नहीं दे रहे
मंत्री आतिशी ने शनिवार 20 अप्रैल को तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की 12 से 17 अप्रैल तक की शुगर लेवल रीडिंग शेयर की।
आतिशी ने कहा है कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल हाई होने के बावजूद उन्हें इंसुलिन नहीं दिया जा रहा। अगर समय से इंसुलिन नहीं मिलता है तो व्यक्ति के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद करने लगते हैं।
उधर, प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन उनकी अपील नहीं मान रहा है। कुल मिलाकर, यह केजरीवाल को खत्म करने की साजिश है।
अब 4 पॉइंट्स में समझें केजरीवाल की डायबिटीज का ये मामला क्या है?
केजरीवाल को डायबिटीज है। वे शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में 20 दिन से बंद हैं। कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। कोर्ट ने उन्हें घर का खाना खाने की अनुमति दी है।
चार दिन पहले यानी 18 अप्रैल को केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर केजरीवाल के डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कंसल्टेशन लेने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि केजरीवाल टाइप-2 डायबिटीज के मरीज हैं और उनका ब्लड शुगर लेवल ऊपर-नीचे (Fluctuate) होता रहता है।
इसके जवाब में ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। केजरीवाल के घर से ऐसा ही खाना आ रहा है, जिसमें शुगर और कॉर्ब्स की मात्रा ज्यादा रहती है।
लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। अब उनकी इंसुलिन और डॉक्टर से परामर्श की अपील पर 22 अप्रैल को फैसला आएगा।
आतिशी ने कहा- क्रूर सरकार मरीज को इंसुलिन देने से मना कर रही
आतिशी ने लिखा- अगर इतने हाई शुगर लेवल पर इंसुलिन नहीं दी जाएगी, तो व्यक्ति को धीरे- धीरे मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो सकता है। यह कैसी क्रूर सरकार है जो डायबिटीज के मरीज को इंसुलिन देने से मना कर रही है।
आतिशी ने पूछा कि जेल प्रशासन ने ED को केजरीवाल के खाने की रिपोर्ट क्यों ई-मेल की। उन्होंने आरोप लगाया कि अंग्रेजों की तरह कैदियों का खाना और दवाएं रोकने की साजिश अरविंद केजरीवाल के साथ मोदी सरकार कर रही है।
प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कुल मिलाकर, यह केजरीवाल को खत्म करने की साजिश है, ताकि उनके कई अंग खराब हो जाएं और 2-4 महीने बाद जब वे जेल से बाहर आएं तो किडनी, हार्ट का इलाज कराने चले जाएं।
न्यायिक हिरासत देते समय कोर्ट ने केजरीवाल को डेली शुगर लेवल की निगरानी के लिए जेल में ग्लूकोमीटर ले जाने की परमिशन दी थी।