गोरखपुर: गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की जान बचाने के लिए मशक्कत करने वाले डॉ कफील की जिंदगी उसी रात से बदल गयी थी। वह योगी सरकार के निशान पर आ गये थे। डॉ कफील के जेल जाने के बाद, उनके भाई की हत्या की कोशिश हुई थी उससे उबर ही रहा था यह परिवार कि कफील के भाई आदिल और एक दूसरे सदस्य के खिलाफ पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि आदिल और फैजान ने साल 2009 में यूनियन बैंक में फर्जी अकाउंट खुलवाया था। यह खाता फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के द्वारा खोला गया था। सीओ कोतवाली द्वारा की गई जांच में मामला सही पाया गया है। जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर आदिल और फैजान पर कैंट थाने में मामला दर्ज कर पुलिस तफ्तीश में जुट गई है।
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आदिल ने सोमवार को ही मीडिया में एक पत्र जारी कर फर्जी मुक़दमे में फंसाए जाने की आशंका जाहिर की थी। उन्होंने एक पत्र में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भाई काशिफ खान को गोली मारे जाने के मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत करने पर पुलिस उन्हें, उनके दो भाई डॉक्टर कफील और काशिफ खान को फर्जी मुकदमें फंसाने की साजिश कर रही है।
फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप
अदिल ने ये आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि उनके और भाईयों के खिलाफ कैंट अथवा कोतवाली गोरखपुर में फर्जी मुकदमा दायर किया जा सकता है। परिवार का आरोप है कि सत्ताधारी नेताओं की शह पर फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है।गौरतलब है कि पिछले दिनों ही डॉक्टर कफील के भाई कासिफ खान पर जानलेवा हमला किया गया था। इस हमले के बाद डॉ कफील ने गोरखपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे।
करीबियों को ही परेशान कर रही पुलिस
डॉक्टर कफील का आरोप था कि पुलिस असली अपराधियों को पकड़ने के बजाय उनके करीबियों को ही परेशान कर रही है। बीते शनिवार को पुलिस ने काशिफ के करीबी आशीष राज श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस द्वारा दी गई थर्ड डिग्री का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में आदिल का आरोप था कि ‘पुलिस हमारे ही करीबी लोगों को पकड़ रही है और उन पर दबाव बनाकर फायरिंग की बात कबूलवाने की कोशिश कर रही है। हम और हमारा परिवार इसका विरोध करते हैं।’