National Bureau: राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि राहुल अमेठी से लड़ेंगे या नहीं ? दो दिन पहले राहुल गांधी ने भी प्रेस कांफ्रेंस में इंकार नहीं किया। वे बोले-पार्टी आलाकमान जो तय करेगा वो फैसला मानेंगे। हमने राहुल और कांग्रेस के कई करीबियों से चर्चा की। ये बिलकुल तय है कि राहुल वायनाड के अलावा एक और सीट से चुनाव लड़ेंगे।
ये सीट अमेठी होगी, अब तक यही माना जा रहा है, पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठकों में इस बात की तैयारी है कि राहुल रायबरेली से चुनाव लड़ें। राहुल रायबरेली से ही लड़ेंगे। सोनिया गांधी ने ये सीट राहुल के लिए ही छोड़ी है।
राहुल को रायबरेली से लडवाने की पटकथा उसी दिन लिख दी गई थी, जब उनकी मां सोनिया गाँधी ने राज्यसभा का नामांकन दाखिल किया। तभी से पार्टी और खुद सोनिया गांधी ने ये तय कर लिया था कि रायबरेली की विरासत वे राहुल गांधी को सौंपेंगी।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राहुल को रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला कर चुका है। राहुल गांधी वायनाड में 26 अप्रैल की वोटिंग के बाद रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। पार्टी का मानना है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने से रायबरेली सीट पर राहुल को लड़ना चाहिए। वे अपनी माँ की सीट के सही उत्तराधिकारी साबित होंगे।
दूसरी बात चूँकि अमेठी से राहुल हार चुके हैं, ऐसे में रायबरेली जैसी सेफ सीट को पार्टी खोना नहीं चाहती। राहुल का रायबरेली से लड़ना लगभग तय है। ऐसे में बड़ा सवाल है फिर अमेठी से कौन ? रायबरेली और अमेठी में मतदान 20 मई को होगा।
सूत्रों के मुताबिक़ राहुल भी रायबरेली से लड़ने को सहमत हैं। पार्टी जो तय करेगी वाले बयान के पीछे वे अमेठी नहीं रायबरेली की ही बात कर रहे हैं। अमेठी से प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की तैयारी कांग्रेस कर रही है। पार्टी का मानना है कि अमेठी की जनता प्रियंका को पसंद करती है, साथ ही वे भाजपा की सांसद स्मृति ईरानी को कड़ी टक्कर दे सकती है। पार्टी का मानना है कि इससे कांग्रेस अमेठी और रायबरेली दोनों सीट पर जीत दर्ज कर सकती हैं।
प्रियंका खुद क्या चाहती है ?
कांग्रेस की बेहद अंदरूनी खबर ये है कि प्रियंका अमेठी से लड़ने को फिलहाल राजी नहीं है। वे रायबरेली से लड़ना चाहती है। रायबरेली से राहुल के नामआगे को आगे करने से प्रियंका नाराज हैं। वे अपनी मां की सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। अमेठी में उनकी बहुत रूचि नहीं है।
प्रियंका के अमेठी से नहीं लड़ने की जिद के चलते ही उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने ये अपने एक एक अवसर तलाशा और बोले-अमेठी की जनता चाहती है कि प्रियंका नहीं तो मैं चुनावलड़ूं।
सोनिया गांधी नहीं चाहती प्रियंका को आगे लाना
सोनिया गांधी का प्रेम राहुल पर हैं। इस बारे में हम पहले भी कई स्टोरी प्रकाशित कर चुके हैं। दरअसल, प्रियंका गांधी को किसी बड़ी जिम्मेदारी से सोनिया गांधी खुद रख रही हैं। उन्हें डर है कि वे राहुल से आगे निकल जायेगी। कई नेताओं के दबाव के बाद प्रियंका को महासचिव बनाया गया था। वो भी पश्चिम उत्तरप्रदेश का प्रभार देकर।
फ़िलहाल वे बिना किसी प्रभार की महासचिव हैं। आखिर गांधी परिवार का कोई व्यक्ति वो भी प्रियंका जैसी सम्भावना वाली नेता
कैसे सिर्फ किसी प्रदेश या कुछ सीटों तक सीमित हो सकती हैं।
राहुल रायबरेली से क्यों ?
रायबरेली कांग्रेस का मजबूत गढ़ है। राहुल के दादा यानी फ़िरोज़ गाँधी इस सीट से जीतते रहे। बाद में उनकी दादी इंदिरा गांधी। इंदिरा गांधी के बाद गांधी परिवार के करीबी अरुण नेहरू इस सीट से लड़े। 2004 से सोनिया गांधी इस सीट से लगातार सांसद हैं।
अमेठी सीट भी सोनिया ने ही दी थी राहुल को
अमेठी से राजीव गांधी चुनाव लड़ते रहे। बाद में सोनिया गांधी अमेठी से लड़ी। जीतीं। जब राहुल राजनीति में आये तो सोनिया ने ये सीट राहुल के लिए छोड़ दी। फिर वे खुद रायबरेली चलीं गई। इस बार भी रायबरेली की सीट सोनिया ने राहुल के लिए ही छोड़ी है। ये राहुल के लिए माँ के आशीर्वाद जैसी सीट है।