बृजेश यादव, दिल्ली: “नमस्कार, हमारा देश और पूरा विश्व आज कोविड-19 की चुनौतियों का सामना कर रहा है। कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है, ऐसे में हमारा फर्ज है कि हम सतर्क रहें। इसलिए जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है, नियमित रूप से हाथ धोना, मास्क पहनना और आपस में उचित दूरी बनाए रखना। याद रखिए दो गज दूरी, मास्क है जरूरी। खांसी बुखार या सांस लेने में कठिनाई होने पर हेल्पलाइन नंबर 1075 पर संपर्क करें।”
जी हां, यह देश में हर किसी के फोन पर अमिताभ बच्चन की आवाज में सुनाई देने वाला कोरोना से जागरुकता का संदेश है, जो शायद अब ना सुनाई दे। दरअसल फोन पर अमिताभ बच्चन की आवाज में सुनाई देने वाले इस मैसेज के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस मैसेज को हटाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख तय कर दी है।
अधिवक्ता ए के दुबे और पवन कुमार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वे इस तरह के कॉलर ट्यून से परेशान सभी करदाताओं की ओर से जनहित याचिका दायर कर रहे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने अमिताभ बच्चन को कोरोना वायरस से बचने के उपाय बोलने के लिए फीस दी है। बच्चन का यह रिकॉर्डेड संदेश फोन कॉल कनेक्ट होने से पहले सुनाई देता है। बता दें कि अमिताभ और उनके बेटे-बहू खुद कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
गुरुवार को यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन.पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन याचिकाकर्ता ने सुनवाई को स्थगित करने की मांग की, क्योंकि पीठ मामले की भौतिक तौर पर सुनवाई नहीं कर रही थी। लिहाजा कोर्ट ने मामले को 18 जनवरी को सुनने की तारीख दी है।