सिशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे की 25 जून को प्रस्तावित यात्रा के लिए जहां एक तरफ भारत स्वागत की तैयारी में है वहीं सिशेल्स ने भारत को झटका दिया है। सिशेल्स के राष्ट्रपति फॉरे ने असम्पशन द्वीप पर भारत की मदद से सैन्य अड्डा बनाने की डील को रद्द कर दिया है। इस महीने की शुरुआत में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिशेल्स के राष्ट्रपति ने कहा कि वह भारत दौरे के दौरान असम्पशन द्वीप प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे।
फॉरे ने घोषणा करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के सभी उद्देश्य अब खत्म हो चुके हैं और सिशेल्स अगले साल खुद अपने पैसों से इस सैन्य अड्डे का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा, ‘अगले साल के बजट में हम असम्पशन द्वीप पर तट रक्षक सुविधा बनाने के लिए फंड निकालेंगे। हमारे लिए इस क्षेत्र में सैन्य पोस्ट का निर्माण सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।’ हाल ही में विदेश सचिव विजय गोखले विक्टोरिया की यात्रा पर गए थे लेकिन वह इस डील को बनाए रखने में असफल रहे। इस डील पर दोबारा चर्चा और हस्ताक्षर पूर्व विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने किए थे। हालांकि, उनके दौरे के अंत तक ही यह माना जाने लगा था कि इस समझौते को बचाया नहीं जा सकता है।
सिशेल्स की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने डील के रद्द होने के लिए भारतीय मूल और विपक्षी नेता रामकलावन को जिम्मेदार ठहराया है। जो पहले भारत दौरे के बाद इसके लिए मान गए थे लेकिन बाद में अपनी मंजूरी वापस ले ली। विपक्ष की सहमति के बिना यह डील नहीं हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि भारत हालांकि सिशेल्स के साथ दूसरा समझौता करने की तैयारी कर रहा है। रक्षा सूत्रों के अनुसार सिशेल्स फ्रांस के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा की डील करना चाहता है।