नज़रिया

चीप पब्लिसिटी की खातिर दैनिक भास्कर ने लांघी शाब्दिक मर्यादा: विधायक अदिति सिंह को बताया वसूलीबाई

देश का और यूपी का निजाम बदलते ही दैनिक भास्कर एकदम बदलापुर मूड में आ गया है। भाजपा की नीति, उनके नारों, उनके नेताओं और उनकी नियति को ये लगातार कठघरे में खड़ा कर रहा है। इन्होंने चुनावी पोस्टर नाम से एक नई पहल शुरू की है जो वीडियो फॉर्मेट के पॉलीटून जैसी है। पॉलीटून विधा के अंतर्गत कार्टून वीडियोज के माध्यम से राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के क्रियाकलापों को चटपटेदार तरीके से दिखाया जाता है। मगर इन पॉलीटून में शुचिता और मर्यादा का बखूबी ध्यान रखा जाता है।

अब दैनिक भास्कर के चुनावी पोस्टर पर आते है। इस अखबार ने अपने चुनावी पोस्टर के अंतर्गत एक पोस्टर बनाया जिसमें रायबरेली सदर की सम्मानित विधायक अदिति सिहं को वसूलीबाई कहकर चित्रांकित किया गया है। साथ ही उन्हें क्राइम मास्टर आदि की संज्ञा भी दी गयी है।

अगर अदिति सिहं के आपराधिक रिकार्ड की बात की जाएं तो वो एकदम बेदाग है। उन पर एक भी ऐसा मुकदमा दर्ज न है जो उन्हें अपराधी साबित करता हो। दूसरी बात कि उनकी शिक्षा-दीक्षा भी बेहद शानदार हुई है। अमेरिका की प्रतिष्ठित ड्यूक यूनिवर्सिटी से वो एमबीए है। इतना ही नहीं वो 89,000 के अंतर वाली बड़ी जीत के साथ रायबरेली सदर विधानसभा के लिए निर्वाचित हुई थी।

ऐसे में किसी जनप्रतिनिधि पर ऐसा ओछा लांछन लगा कर दैनिक भास्कर पत्रकारिता की कैसी आचार संहिता का पाठ आमजनमानस को पढा रहा था? ऊपर से अदिति जी महिला भी है। ऐसे समय मे जबकि हमारे देश मे लैंगिक असमानता को पाटने के लिए घर से लेकर संसद तक अभियान चलाएं जा रहे है, ठीक उसी दरम्यान लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ प्रेस द्वारा एक महिला की प्रतिष्ठा की सार्वजनिक नीलामी की जा रही है।

हालांकि बाद में दैनिक भास्कर द्वारा उस फ़ोटो और ट्वीट को हटा लिया गया। मगर ट्वीट हटाने भर से तो उस फ़ोटो का सर्कुलेशन बन्द न हो जाएगा। क्योंकि डिजिटल फार्मेट में एक बार किसी तथ्य, घटना का इनपुट आते ही वो अनन्य काल के लिए स्टोर हो जाता है।

अभी दैनिक भास्कर के पास एक ही विकल्प है कि वो अपने इस कुकृत्य के लिए सार्वजनिक माफी मांगें और आइंदा से ऐसा न करने की स्वःनियमनकारी शपथ भी लें। अन्यथा उन्हें रायबरेली जनपद की सम्मानित जनता के व्यापक नागरिक आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

संकर्षण शुक्ला

(लेखक युवा टिप्पणीकार हैं)

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