रायबरेली से दीपक सिंह : उत्तर प्रदेश में प्रशासन लचर हो रहा है या अपराधियों में खौफ नहीं रहा। बार बार ऐसा क्यों होता है कि प्रशासन की नाक के नीचे ही अपराधी चीजों को अंजाम दे रहा होता है और प्रशासन बेखबर होता है। रायबरेली में लगभग ढाई साल पहले हुए पंकज सिंह के मर्डर में गवाहों को जेल से जानमाल की धमकी मिल रही है। हत्यारोपित जेल के भीतर से कॉल कर धमका रहे हैं। ऐसी शिकायत साक्ष्यों के साथ पुलिस अधीक्षक से की गई है। एसपी ने मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी है।
मृतक पंकज सिंह के भाई नीरज सिंह ने मंगलवार को सिविल लाइंस के निकट एक होटल में प्रेस वार्ता कर यह सनसनीखेज आरोप तथ्यों के साथ लगाए। नीरज के भाई पंकज की हत्या 25 जनवरी 2016 को कर दी गई थी। इसमें शहर के ही अंकित उर्फ अभय सिंह, धनंजय सिंह उर्फ धुनाड़ी, अजय प्रताप उर्फ डब्लू सिंह, फास्टर उर्फ अंकित सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। सभी हत्यारोपित अलग-अलग जेलों में बंद हैं। अंकित और डब्लू उन्नाव जेल में हैं।
जेल से धमकी देने का आरोप
नीरज ने बताया कि 21 जुलाई को पेशी के दौरान हत्यारोपितों ने उन्हें व अन्य गवाहों अभिषेक सिंह, बॉबी, केतन को जानमाल की धमकी दी। इसका मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज है। इसके बाद 21 जुलाई की ही रात लगभग 11.30 बजे अंकित और डब्लू ने अभिषेक के फोन किया और कहा कि जैसे पंकज को मारा था, वैसे ही तुम्हें भी मार देंगे। उसी नंबर से वाट्सएप पर पंकज सिंह की मौत के बाद का एक वीडियो और धमकी भरे मैसेज भी भेजे गए। नीरज ने पुलिस प्रशासन से सभी गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी की है।
प्राइवेट गाड़ी से पेशी पर आए हत्यारोपित
रायबरेली एसपी सुजाता सिंह से मिले नीरज ने बताया कि हत्यारोपित प्राइवेट गाड़ी से पेशी पर आए। खुलेआम धमकी दी, जैसे उन्हें पुलिस का खौफ ही न हो। अपराह्न लगभग चार बजे वे पेशी से वापस उन्नाव के लिए निकले। रात में 11.30 बजे धमकी मिली। रायबरेली से उन्नाव का रास्ता लगभग दो से ढ़ाई घंटे का है जिससे स्पष्ट समझा जा सकता है कि तब तक आरोपी जेल में दाखिल हो चुके थे और धमकी भी जेल के अंदर से दी गई है।
जेलर है बेखबर
उन्नाव जेल से जेलर बृजेंद्र सिंह से जब इस मामले की जानकारी ली गयी तो उन्होंने दो टूक कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है। जेलर ने कहा कि रायबरेली में शिकायत हुई है तो जांच में सब आ जाएगा।