इंटरनेशनल

विश्‍व की पहली वैक्‍सीन अगस्‍त में होगी लांच, रूस बनाएगा कोरोना वैक्‍सीन की 3 करोड़ खुराक

रूस इस वर्ष घरेलू स्तर पर प्रायोगिक कोरोना वैक्सीन की तीन करोड़ खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहा है, जिसमें एक करोड़ 70 लाख विदेशों में निर्माण करने की क्षमता है। रूस ने पिछले दिनों घोषणा की है कि उसने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने की दिशा में मानव परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यही कारण है कि अन्‍य देशों की तुलना में इस दौड़ में रूस आगे निकल चुका है।

सबसे पहले वैक्सीन देने का दावा

रूसी वैज्ञानिकों का दावा है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अगस्त में लांच हो जाएगी। गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि कोरोना वैक्‍सीन 12 से 14 अगस्त तक लोगों को दी जाने लगेगी। मॉस्को टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर सितंबर से इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है।

इस बारे में रूस का दावा है कि मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दुनिया के पहले कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशन मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वादिम तरासोव ने कहा कि वालेंटियर्स के पहले बैच को 15 जुलाई और दूसरे बैच को 20 जुलाई को छुट्टी दे दी जाएगी। क्लिनिकल ट्रायल्स गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में 18 जून से शुरू हुए थे।

टीके का पहला मानव परीक्षण 38 लोगों पर एक महीने तक चला। यह परीक्षण इसी सप्ताह समाप्त हुआ। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि यह उपयोग के लिए सुरक्षित है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्‍यून रिस्‍पांस) को प्रेरित करता है, हालांकि उस प्रतिक्रिया की ताकत के बारे में अब तक स्पष्ट नहीं है। कई हजार लोगों को शामिल करने वाला एक बड़ा चरण तीसरा परीक्षण अगस्त में शुरू होने की उम्मीद है।

रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने कहा कि हम मानते हैं कि वर्तमान परिणामों के आधार पर इसे रूस में अगस्त में और सितंबर में कुछ अन्य देशों में मंजूरी मिल जाएगी। यह संभवतः दुनिया की पहली वैक्‍सीन है। पूरी दुनिया कोरेाना महामारी को रोकने के लिए 150 से अधिक संभावित टीकों का विकास और परीक्षण किया जा रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार कम से कम दो अंतिम चरण तीसरा मानव परीक्षणों में एक चीन में और दूसरा ब्रिटेन में विकसित किया जा रहा है। रूस और दो मध्‍य पूर्व के देशों में वैक्‍सीन का तीसरे चरण का परीक्षण पूरा हो चुका है।

द फ्रीडम स्टॉफ
पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें।
https://thefreedomsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *