रायबरेली : डलमऊ के आदर्श नगर मुहल्ले में पंचायत कर्मियों व अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर लाखों रुपये के भुगतान बिना नापजोख किए ही कर दिए। मामला उजागर हुआ तो जांच शुरू हुई, लेकिन अधिकारियों की जांच अभी फाइलों तक ही सीमित है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया
आदर्श नगर मुहल्ले में 33 लाख की लागत से वर्ष 2016-17 में एक सोलर नलकूप की स्थापना का कार्य शुरू हुआ था। जिससे नगरवासियों में शुद्ध पेयजल की उम्मीद जगी थी। नलकूप धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पंचायत कर्मियों ने 21 लाख का भुगतान कार्य शुरू होते ही बिना नापजोख किए कर दिया था। जबकि नलकूप की स्थापना का पहला चरण भी अभी अधूरा है। दो वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक नलकूप में न तो मोटर डाली गई और न ही कस्बे में पाइप लाइन बिछी। उक्त मामले में कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक के शामिल होने के कारण मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
भुगतान बिना नापजोख किए ही कर दिया गया
डलमऊ नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ ने बताया कि कस्बे में मानकों के विपरीत लगाए गए व अधूरे पड़े नलकूप की शिकायत हुई थी। नलकूप का भुगतान बिना नापजोख किए ही कर दिया गया। उच्चाधिकारियों ने एक वर्ष पूर्व तत्कालीन डलमऊ उपजिलाधिकारी प्रदीप कुमार को जांच सौंपी थी। जांच अभी चल रही है, या पूरी हो गई यह जानकारी न तो नगर पंचायत कार्यालय में है और न डलमऊ एसडीएम कार्यालय में है।
SDM को पता ही नहीं
डलमऊ उपजिलाधिकारी जीतलाल सैनी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिली तो जांच कराई जाएगी, दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई कराई जाएगी।