प्रतिबंधित माओवादी संगठन के लगभग एक दर्जन शीर्ष नेता कोरोना वायरस से पीड़ित हैं। तेलंगाना के वारंगल शहरी जिले में गिरफ्तार एक शीर्ष नक्सली ने यह खुलासा किया है। जो नक्सली नेता कोरोना से संक्रमित हैं, उनमें केंद्रीय समिति के दो सदस्य- कटकम सुदर्शन उर्फ आनंद और टिप्पारी थिरुपति उर्फ देवुज शामिल हैं।
पुलिस को इस बात का खुलासा दंडकारण्य स्पेशल जोन डिवीजनल कमेटी (डीकेएसजेडसीएम) के सचिव गद्दाम मधुकर उर्फ मोहन उर्फ शोबरॉय ने किया है, जिसे मंगलवार को वारंगल में गिरफ्तार किया गया था, जब वह कोविड के इलाज के लिए हनमकोंडा शहर आ रहा था। माना जा रहा है कि वायरस के कारण तेलंगाना सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपे कुछ नक्सली नेताओं ने दम तोड़ दिया है। इससे पुलिस के इस संदेह की पुष्टि हुई है कि कोविड नक्सली कैडर पर कहर बनकर टूटा है।
वारंगल के पुलिस आयुक्त, तरुण जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार को मुलुगु चौराहे के पास एक वाहन-जांच के दौरान गद्दाम मधुकर और एक कूरियर (संदेशवाहक या साथ यात्रा करने वाला नौकर) को गिरफ्तार किया गया था। कोविड से पीड़ित मधुकर नाबालिग कुरियर की मदद से इलाज के लिए वारंगल आया था।
कुमुराम भीम आसिफाबाद जिले के रहने वाले मधुकर 1999 में तत्कालीन पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) के सिरपुर दलम में शामिल हुआ था। संगठन ने बाद में उसे दंडकारण्य विशेष क्षेत्र समिति में स्थानांतरित कर दिया और तब से वह पुलिसकर्मियों की हत्या और उनके हथियार छीनने सहित कई अपराधों में शामिल रहा है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कूरियर एक कार में वेंकटपुरम वन क्षेत्र में गया और मधुकर को एक अस्पताल में भर्ती कराने के लिए हनमकोंडा ला रहा था। पुलिस ने चेकपोस्ट पर वाहन की तलाशी ली तो मधुकर कार के बूट में छिपा हुआ मिला। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर 88,000 रुपये नकद बरामद किए हैं। बाद में मधुकर को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान जोशी ने वादा किया कि सरकार स्वेच्छा से बाहर आने पर नक्सलियों को इलाज मुहैया कराएगी।