मेरठ: महिला अपराध रोकने का दावा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं को पुलिस ही पलीता लगा रही है। जिस पुलिस पर महिला अपराध रोकने की जिम्मेदारी है, वो ही महिलाओं से मारपीट और गंदी बात कर रही है। मेरठ पुलिस का ये अपराध सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। दो दिन पहले नर्सिंग छात्र-छात्रा को पकड़कर थाने लाने के दौरान पुलिसकर्मियों ने छात्रा को जीप में बैठाकर जमकर पीटा। दो पुलिसकर्मियों ने छात्रा से गंदी बात करते हुए अभद्र और धार्मिक टिप्पणी की। मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने महिला कांस्टेबल समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
कांस्टेबल लगातार युवती से कर रहे गंदी बात
दो दिन पहले मेडिकल कालेज की नर्सिंग छात्रा अपने सहपाठी छात्र के साथ जागृति विहार में उसके कमरे पर गई थी। दोनों वहां पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान विहिप कार्यकर्ता मोहल्ले में पहुंच गए और छात्र-छात्रा को पकड़ लिया। आरोप लगाया कि दोनों यहां अश्लीलता कर रहे हैं। दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया। यूपी 100 की गाड़ी में छात्रा को थाने लाया जा रहा था। इसी दौरान यूपी 100 के दो कांस्टेबल और मेडिकल थाने में तैनात महिला कांस्टेबल ने छात्रा से अभद्रता की। यूपी 100 के चालक ने इसकी वीडियो बनाई। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि महिला कांस्टेबल छात्रा से मारपीट कर रही है। पुलिस कांस्टेबल लगातार युवती से ‘गंदी बात’ कर रहे हैं। अश्लीलता की जा रही है और धार्मिक टिप्पणी भी की गई। बार-बार युवती को सबक सिखाने की बात कही जा रही है। युवती की पहचान उजागर करते हुए पुलिस ने ही उसके मुंह पर बंधा कपड़ा भी उतरवा दिया।
छात्रा के साथ मारपीट के वायरल हो रहे वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि एक कांस्टेबल लड़की से कहा रहा है कि ‘इतने हिंदू हैं, इसके बावजूद भी तुम मुस्लिम के साथ अफेयर रखे हुए हो।’ इसके बाद वह सिपाही लड़की को गाली देता है और लड़की के बगल में बैठी महिला कांस्टेबल लड़की को पीटना शुरू कर देती है। मंगलवार को ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसके बाद यूपी पुलिस की फजीहत हो गई। जिस खाकी के कंधे पर महिला अपराध रोकने की जिम्मेदारी है, उसी ने इतनी बड़ी वारदात कर दी।
मामला लखनऊ तक
पुलिस के खिलाफ सोशल मीडिया पर आक्रोश फूट पड़ा। मामला लखनऊ तक गूंज गया। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने जांच बैठा दी। तीन घंटे में सीओ सिविल लाइन रामअर्ज की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारियों ने कांस्टेबल प्रियंका सिंह (मेडिकल थाना), यूपी 100 में तैनात हेड कांस्टेबल सलेख चंद और नीटू सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं कार में बैठे होमगार्ड सहेंसरपाल के खिलाफ होमगार्ड कमांडेंट को सेवा समाप्ति की रिपोर्ट भेजी गई है।