नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन की घुसपैठ को लेकर भी भारत और अमेरिका के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है। 15 जून, 2020 को भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़पों के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपिओ के बीच एक गोपनीय वार्ता की सूचना भी सामने आई है।
बताया जा रहा है कि इस सूचना को इसलिए छिपाया गया ताकि दुनिया का यह संदेश नहीं जाए कि भारत व अमेरिका के बीच कोई लामबंदी हो रही है। आधिकारिक तौर पर भारत व अमेरिका के बीच चुप्पी है, लेकिन यह बात साफ हो रही है कि चीनी अतिक्रमण को लेकर दोनों एक दूसरे के संपर्क में हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के अतिक्रमण पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया जताने वालों में अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपिओ ही हैं। राष्ट्रपति ट्रंप भी भारत को मिलाकर एक नया समूह-11 बनाने का प्रस्ताव कर चुके हैं और इसमें शामिल होने के लिए उन्होंने पीएम मोदी को आमंत्रित भी किया है। पीएम मोदी ने भी इसका उत्साह से स्वागत किया है।
वही, दूसरी तरफ अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती दोस्ती का फिर इजहार हुआ है और यह इजहार किसी और ने नहीं स्वयं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया है। एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस (4th July) के अवसर पर अमेरिका वासियों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुभकामनाएं दी थीं। इसके जवाब में ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा, ‘आपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरे दोस्त, अमेरिका भारत से प्यार करता है।’ उल्लेखनीय बात यह रही कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सिर्फ पीएम मोदी के शुभकामनाओं वाले ट्वीट का ही जवाब दिया है।
ऐसे समय जब भारत और अमेरिका दोनों के साथ चीन के रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं तब अमेरिकी राष्ट्रपति के इस विशेष ट्वीट का खास मतलब निकाला जा रहा है। भारतीय पीएम को उक्त ट्वीट करने के कुछ ही देर बाद ट्रंप ने चीन पर फिर से कोविड-19 संबंधी सूचनाओं को छिपाने को लेकर हमला बोला है। उन्होंने चीन को इस महामारी से जुड़ी सूचनाओं को छिपा कर पूरी दुनिया में इसे फैलने में मदद करने के लिए उसे उत्तरदायी ठहराने की भी बात कही है। यही नहीं साउथ चाइना सी में जहां चीन की तरफ से दूसरे देशों की समुद्री सीमाओं के लगातार अतिक्रमण की खबरें आ रही हैं, वहां भी अमेरिका की तरफ से सैन्य ताकत बढ़ाई जा रही है।