उप्र ब्यूरो: अनुशासनहीनता के आरोप में पिछले साल कांग्रेस से निष्कासित नेताओं के एक वर्ग ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनसे ‘परिवार के मोह’ से ऊपर उठकर दल के संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करते हुए उसे चलाने का आग्रह किया है.
निष्कासित नेताओं में से पूर्व सांसद संतोष सिंह और पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी समेत नौ नेताओं ने 2 सितम्बर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारधारा के साथ कांग्रेस और देश को बनाया है, लेकिन विडम्बना यह है कि पिछले कुछ समय से पार्टी जिस तरह से चल रही है उससे पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस और अवसाद की स्थिति बन गई है.
पत्र में नेताओं ने कहा कि ऐसे में जब देश लोकतांत्रिक मूल्य और सामाजिक सद्भाव के ताने-बाने के बिखराव के संकट से गुजर रहा है, कांग्रेस का जीवंत, गतिशील और मजबूत बने रहना देश के लिए आवश्यक है.
पत्र में नेताओं ने अपने निष्कासन की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘संवाद के अभाव में पार्टी हित का चिंतन करना और सुझाव देना अनुशासनहीनता नहीं होती. ऐसे हालात को संज्ञान में लेकर उनका निदान करने के बजाए उन्हें भाजपा का आवरण पहनाना खुद को धोखा देने के बराबर है.’
उसमें सोनिया गांधी से कहा गया है, ‘आप परिवार के मोह से ऊपर उठकर परंपराओं के अनुसार विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ पार्टी के संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली और परस्पर विश्वास तथा संवाद कायम कर संगठन को चलाएं. अगर आप अपने दायित्व से विमुख होती हैं तो कांग्रेस इतिहास की वस्तु बन जाएगी.’