लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नोएडा में नमाज पढ़ने को लेकर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी पर भाजपा ने बुधवार को कहा कि ओवैसी मानसिक दिवालियेपन के शिकार हो गये हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा, ”ओवैसी मानसिक दिवालियेपन का शिकार हैं। उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है । प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानती है और नोएडा पुलिस ने जो कुछ भी किया, ठीक किया । दरअसल ओवैसी ने कथित तौर पर लिखा है ‘‘उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कांवड़ियों के लिए फूल बरसाए थे, लेकिन हफ्ते में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज़ से शांति और सद्भाव बिगड़ सकता है । ये बिल्कुल वैसा हुआ कि आप मुसलमानों से कह रहे हों कि आप कुछ भी कर लो, लेकिन गलती तो आपकी ही होगी।
UP Cops literally showered petals for Kanwariyas, but namaz once a week can mean “disrupting peace & harmony”. This is telling Muslims: aap kuch bhi karlo, ghalti to aapki hi hogi.
Also, by law, how does one hold an MNC liable for what their employees do in individual capacity? https://t.co/b90Jw5ZMHY
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 25, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार सभी धर्मों में मनाए जाने वाले पर्वों का रखती है ध्यान
चंद्रमोहन ने कहा कि सार्वजनिक पार्क में इस तरह के (नमाज) आयोजन, जिस पर लोग आपत्ति कर रहे हों, उसे प्रतिबंधित करने और शांति व्यवस्था को लेकर उठाया कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि ओवैसी को पता ही नहीं है कि कांवड़ यात्रा क्या है ? कांवड़ यात्रा की पुष्प वर्षा क्या है ? प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सभी धर्मों में मनाए जाने वाले पर्वों का ध्यान रखती है।
नमाज अदा करने से रोक लगाने का फैसला चर्चा का विषय
उत्तर प्रदेश के नोएडा में पार्क में नमाज अदा करने से रोक लगाने का फैसला चर्चा का विषय बन चुका है। नोएडा पुलिस द्वारा मंगलवार को सेक्टर 58 के पार्क में नमाज पढ़ने से मना किया गया, जिसके बाद अब इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। ऐसे में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के फैसले पर पलटवार किया है। ओवैसी का कहना है कि कांवड़ियों के लिए फूल बरसाने वाली पुलिस को हफ्ते में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज से दिक्कत हो रही है।
पुलिस ने कांवड़ियों के लिए फूल बरसाए
ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, ”उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कांवड़ियों के लिए फूल बरसाए थे, लेकिन हफ्ते में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज़ का मतलब शांति और सद्भाव बिगड़ सकता है। ये बिल्कुल वैसा हुआ कि आप मुसलमानों से कह रहे हो कि आप कुछ भी कर लो, लेकिन गलती तो आपकी ही होगी।”इसके अलावा AIMIM प्रमुख ने लिखा कि कानून के मुताबिक ये भी कहां तक जायज है कि कोई कंपनी ये तय करे कि एक कर्मचारी अपनी पर्सनल जिंदगी में क्या करता है। बता दें कि एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने कल नोटिस जारी कर सेक्टर 58 में पार्क में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी थी। जिसपर बवाल हो गया है।