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मोदी जी की 56 इंची छाती होने के बावजूद इस साल 170 बार भारत की सीमा में घुसपैठ कर चुका है चीन

नई दिल्ली: पिछले साल सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में दो महीने से ज्यादा वक्त तक भारत-चीन के बीच सैन्य गतिरोधलंबे कूटनीतिक प्रयासों के बाद खत्म हुआ था, लेकिन पेइचिंग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस साल अब तक चीन की सेना ने 170 बार भारतीय सीमा का अतिक्रमण किया है। 2016 में पीएलए 273 बार भारतीय सीमा में घुसी थी। पिछले साल तो चीनी सैनिकों ने 426 बार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी। पिछले साल ही भूटानी भूभाग में स्थित डोकलाम के पास सिक्किम-भूटान-तिब्बत के त्रिकोण पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना हुआ था।

4,057 किलोमीटर लंबे एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीन अलग-अलग जगहों पर भारतीय सीमा का अतिक्रमण जारी रखा हुआ है। हाल में इस तरह की घटना पिछले महीने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में हुई, जहां चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवान भारतीय सीमा में 300 से 400 मीटर तक भीतर घुस आए और 5 टेंट लगा दिए।

2 टेंट अभी भी बचे हुए हैं

रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों ने अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत के बाद पीएलए ने चेरडॉन्ग-नेरलॉन्ग नाल्लान इलाके में 3 टेंट हटा लिए। हालांकि 2 टेंट अभी भी बचे हुए हैं और उनमें चीन के सैनिक अभी भी मौजूद हैं। सेना से उसका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उसने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार किया।  सूत्रों ने बताया कि पीएलए के सैनिक जुलाई के पहले सप्ताह में खानाबदोशों के वेष में मवेशियों के साथ भारतीय सीमा में घुस आए और भारतीय जवानों के बार-बार कहने के बाद भी नहीं लौटे। एलएसी पर टकराव रोकने के लिए ऐसी स्थितियों में ‘बैनर ड्रिल’ का प्रावधान है, जिसमें सेना दूसरे पक्ष को झंडा लहराकर अपने क्षेत्र में लौटने को कहती है। भारतीय सेना के लगातार ‘बैनर ड्रिल’ के बाद भी चीनी सैनिक अपने इलाके में नहीं लौटे।

विवादित इलाकों में त्रिग हाइट्स, डमचेले, चुमार, स्पैन्गुर गैप और पैन्गॉन्ग सो

एक सूत्र ने बताया, ‘जब भारत ने ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत की पहल की तब पीएलए ने 3 टेंट हटा लिए।’ सूत्र ने आगे बताया कि चीनी सैनिकों ने नरलॉन्ग इलाके में सड़क बनाने की लद्दाख प्रशासन की कोशिशों की शिकायत की।  डेमचोक एलएसी पर चिह्नित 23 ‘विवादित और संवेदनशील इलाकों’ में से एक है जो पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। अनसुलझी सीमा को लेकर ‘अलग-अलग धारणाओं’ की वजह से इस सेक्टर में अकसर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध होता रहता है। अकसर दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर अपने क्षेत्र में अतिक्रमण का आरोप लगाती हैं। लद्दाख के दूसरे विवादित इलाकों में त्रिग हाइट्स, डमचेले, चुमार, स्पैन्गुर गैप और पैन्गॉन्ग सो शामिल हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पिछले साल जून में साउथ डोकलाम में जामफेरी रिज की तरफ वाहन जाने योग्य मौजूदा सड़क के विस्तार की कोशिश में लगे चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों रोक दिया था। हालांकि बाद में पीएलए ने नॉर्थ डोकलाम में न सिर्फ मिलिटरी इन्फ्रास्ट्रक्चर और हेलिपैडों का निर्माण किया, बल्कि अपने 600 से 700 जवानों को स्थायी तौर पर इलाके में तैनात कर दिया।

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