ब्यूरो रिपोर्ट, मुंबई: मनी लांड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आइसीआइसीआइ बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दीपक कोचर को जांच एजेंसी ने मुंबई में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया। वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक लोन देने में कथित अनियमितताओं और मनी लांड्रिंग के मामले में जांच एजेंसी कोचर दंपती से पूछताछ कर चुकी है। इस साल की शुरुआत में ईडी ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनके स्वामित्व व नियंत्रण वाली कंपनियों की 78 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को भी जब्त कर लिया था।
3250 करोड़ का लोन मामले में हुई गिरफ्तारी
दीपक कोचर की यह गिरफ्तारी ईडी ने वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को आईसीआईसीआई बैंक की ओर से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिए जाने के मामले में की है। इस मामले में यह पहली बड़ी गिरफ्तारी है। ईडी आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गये ऋण मामले में अनियमितता और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और कई अन्य के खिलाफ जांच कर रही थी। कुछ दिन पहले ही दूत समेत चंदा कोचर और उनके पति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। इस मामले में चंदा कोचर के देवर से भी पूछताछ हुई थी।
क्या है मामला
आईसीआईसीआई बैंक से विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई (SBI) के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। इस बारे में आरोप है कि विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था। आरोप है कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए।
जब्त हुई हैं 78 करोड़ की संपत्तियां
इससे पहले ICICI बैंक की पूर्व सीईओ व एमडी चंदा कोचर और उनके परिवार पर ईडी ने कार्रवाई की थी। ईडी ने चंदा कोचर के मुंबई स्थित फ्लैट और उनके पति दीपक कोचर की कंपनी की कुछ संपत्तियों को अटैच किया था। जब्त संपत्तियों का मूल्य 78 करोड़ रुपये बताया गया था। चंदा कोचर के खिलाफ यह कार्रवाई 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से विडियोकॉन को मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन मामले के सिलसिले में की गई है।