कैप्टन बिपिन रावत, मधुलिका के दिल्ली के अशोका रोड वाले घर पर बारात लेकर आए हैं। बिपिन बैंड-बाजा लिए आगे बढ़ रहे थे। दोस्त और परिवार के लोग पटाखे फोड़ रहे थे। रात करीब 12 बजे पंडित जी ने कहा- ‘अब वर-वधु की गांठ बांध दीजिए।’
दुल्हन की बहनों ने बिपिन की सुनहरी शेरवानी के बाएं कोने को मधुलिका की लाल चुनरी के पल्लू से बांध दिया। अग्नि के सात फेरे शुरू हुए। महज पांच मिनट बाद पंडितजी ने कहा- ‘अब आप दोनों सात जन्मों के साथी हो गए हैं।’
तारीख: 10 दिसंबर 2021
दिन: शुक्रवार
पता: दिल्ली का आर्मी कैंट
36 साल बाद फिर वही दिल्ली, वही बारात, बैंड बाजा भी। फिर बिपिन और मधुलिका सजाए गए। तोपों ने 17 बार गोले दागकर सलामी दी। फिर मंडप और अग्नि भी वही, लेकिन इस बार पंडित ने कहा- ‘तारिणी और कृतिका अपने माता-पिता को मुखाग्नि दीजिए।’
आप जानते ही हैं, दोनों यहां भी साथ रहे। दो चिताएं नहीं सजाई गईं। एक ही चिता पर दोनों लेटे थे। साथ निभाने का हर वादा निभाया। मरकर भी। दरअसल जनरल रावत ने कभी कोई वादा तोड़ा ही नहीं। न देश से, न फौज से और न पत्नी से…