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CBI vs ममता: एजेंसी ने कोर्ट में पेश किया 14 पेज का हलफनामा, बताया कैसे नष्ट किए सबूत

नई दिल्ली : सीबीआई बनाम ममत बनर्जी के विवाद में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में 14 पेज का हलफनामा पेश किया है। इस हलफनामे में सीबीआई ने कोर्ट को सबूत नष्ट किए जाने के बारे में जानकारी दी है।  सीबीआई बनाम ममता बनर्जी विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के सामने पेश होने और जांच में सहयोग देने का आदेश दिया है। इससे पहले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में 14 पेज का हलफनामा पेश किया था। इस हलफनामे में सीबीआई ने कोर्ट को सबूत नष्ट किए जाने के बारे में जानकारी दी। सीबीआई ने पुलिस कमिश्नर के खिलाफ कोई सबूत न देते हुए, इस बात के सबूत दिए हैं कि पुलिस कमिश्नर सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। सीबीआई ने कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक रेकॉर्ड नष्ट करने के सबूत भी कोर्ट में दिए हैं।

सीडीआर से छेड़छाड़ की गई

सीबीआई ने अपने हलफनामें में कहा है कि सीबीआई ने सर्विस प्रोवाइडर से ऑरिजनल सीडीआर हासिल की है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर से मिली सीडीआर और राजीव कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई सीडीआर की तुलना की गई तो साफ हो गया कि राजीव कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई सीडीआर से छेड़छाड़ की गई है।

सबूतों को नष्ट करने की कोशिश

सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि, पश्चिम बंगाल सरकार ने 26-04-13 को एक आदेश जारी कर पूरे राज्य में चिटफंड के सारे मामले और जांच एसआईटी को सौंपने का फैसला किया। साथ ही साथ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कोर्ट ने एसआईटी हर महीने जांच रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। हलफनामे में कहा गया है कि हाई कोर्ट के लगातार निगरानी के बाद भी एसआईटी द्वारा जांच में टालमटोल करना एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा है। स्थानीय अधिकारियों ने जांच को प्रभावित किया और सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की।

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