नई दिल्ली : सीबीआई बनाम सीबीआई के विवाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर मंगलवार को टल गई है। छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा को लेकर सीवीसी की रिपोर्ट पर शीर्ष अदालत ने अहम टिप्पणी की है और उनसे जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि सीवीसी रिपोर्ट में आलोक वर्मा को क्लीन चिट नहीं दी गई है। इस रिपोर्ट पर बेंच ने आलोक वर्मा से जवाब मांगा है। आलोक वर्मा के वकील की मांग पर सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी दी है। यही नहीं वर्मा से भी सीलबंद लिफाफे में ही अपना जवाब सौंपने का कहा है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वर्मा के जवाब के बाद फैसला लिया जाएगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने रिपोर्ट को लेकर कहा, ‘सीवीसी रिपोर्ट में वर्मा को लेकर कुछ बातें अच्छी, कुछ सामान्य और कुछ सवाल उठाने वाली बातें कही गई हैं।’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में उठाए गए सवालों को लेकर जांच किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि हमने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी और जवाब भी सीलबंद लिफाफे में ही मांगा है क्योंकि हम सीबीआई की गरिमा बनाए रखना चाहते हैं।
प्रशांत भूषण के एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ को फटकार
शीर्ष अदालत ने आलोक वर्मा को लेकर सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी राकेश अस्थाना के वकील को सौंपने से इनकार कर दिया। अस्थाना की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने सीवीसी की कॉपी की मांग की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव के फैसलों पर सवाल जरूर उठाए हैं, लेकिन यह नहीं बता रहे कि उनके फैसले गलत कैसे हैं।
अदालत ने कहा कि अभी बड़ा सवाल यह है…
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अंतरिम चेयरमैन नागेश्वर राव की ओर से लिए गए ट्रांसफर के फैसलों और मोइन कुरैशी केस में आरोपी हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि अभी बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने वर्मा को छुट्टी पर जाने के लिए क्यों कहा।
इससे बड़े सवालों पर सुनवाई की जरूरत
सीबीआई के डीएसपी ए.के बस्सी के वकील राजीव धवन ने कहा कि वह बहस करना चाहते हैं। इस पर सीजेआई गोगोई ने तंज करते हुए कहा, ‘तो आप उनमें से हैं, जिनका पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है। यह एक अच्छी जगह है।’ सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर बस्सी और कांग्रेस लीडर मल्लिकर्जुन खड़गे की याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि अभी इससे बड़े सवालों पर सुनवाई की जरूरत है।