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डलमऊ: जहां होली वाला दिन खुशी का नहीं मातम का दिन है- राजेंद्र वैश्य

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक जगह ऐसी भी है जहाँ जब दुनिया के आसमान में रंगों के बादल होते हैं तो यहाँ गमों के बादल होते हैं। मैं बात कर रहा हूँ रायबरेली जिला की दक्षिणी दिशा में गंगा नदी के किनारे स्थित प्राक्रतिक सुन्दरता से लबरेज़ एक ऐसे कस्बे “डलमऊ” की जहाँ […]

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फौजी इस दुनिया से अक्सर तब विदा ले लेते हैं जब हम आप जिंदगी की रोमानियत में खोये होते हैं..

फौजी इस दुनिया से अक्सर तब विदा ले लेते है जब हम आप जिंदगी की रोमानियत में खोएं रहते है. जिंदगी के इन क्षणों में जब देह और दैहिक जरूरतें बदलावों के क्लाइमेक्स पर पहुँच चुकी होती है और देह हार्मोनों के आगे नतमस्तक होता है…. उस समय भी फौजी सरहद पर माँ भारती के […]

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धोनी होना भी इतना आसान कहाँ: वीर प्रताप सिंह

तुमसे मोहब्बत इस कदर है की जमाने से लड़ जाऊं, ना जाने कितनी दफा तुमको लेकर लोगों से लड़ गया हूं बेबाक होकर पर अब लड़ना नहीं चाहता हूं। ऐसा नहीं कि हिम्मत नहीं पर अब दिल नहीं चाहता तुम कब क्या कर जाओ तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा होता है कोई नहीं जानता […]

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प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देता है नाग पंचमी का त्योहार: राजेंद्र वैश्य

हिन्‍दू धर्म में देवी-देवताओं के साथ ही उनके प्रतीकों और वाहनों की पूजा-अर्चना करने की भी परंपरा है।देवी-देवताओ के ये प्रतीक और वाहन किसी अन्य लोक के नहीं बल्‍कि प्रकृति का अभिन्‍न हिस्‍सा हैं,जिनमें जानवर,पक्षी,सरीसृप,फूल और वृक्ष शामिल हैं। नाग पंचमी भी ऐसा ही एक पर्व है जिसमें सांप या नाग को देवता मानकर उसकी […]

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कांग्रेस ने हमें धोखा दिया, हमें भेड़ियों के सामने फेंक दिया!

कांग्रेस ने हमें धोखा दिया, हमें भेड़ियों के सामने फेंक दिया… भारत विभाजन की नेहरू-जिन्ना की आपसी सहमति के बाद उनके इस फ़ैसले से खीझे हुए एक पठान ने ये बात कही थी, जिन्हें दुनिया सीमांत गांधी कहती है. भारत माँ के सच्चे सपूत खान अब्दुल गफ्फार खान उर्फ सीमांत गांधी ताउम्र एक भारत, श्रेष्ठ […]

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“Private faces in public places are better and nicer than public faces in private places”

“Rashtrapati Jawaharlal ki Jai. The Rashtrapati looked up as he passed swiftly through the waiting crowds, his hands went up and were joined together in salute, and his pale hard face was lit up by a smile. It was a warm personal smile and the people who saw it responded to it immediately and smiled […]

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प्रकृति को ख़तम करने के बाद इंसान के पास बचेगा ही क्या सिवाय एक दूसरे को खाने के?

केरल जैसे शिक्षित राज्य में एक गर्भवती हथिनी मल्लपुरम की सड़कों पर खाने की तलाश में निकलती है। उसे अनन्नास ऑफर किया जाता है। वह मनुष्य पर भरोसा करके खा लेती है। वह नहीं जानती थी कि उसे पटाख़ों से भरा अनन्नास खिलाया जा रहा है। पटाख़े उसके मुँह में फटते हैं। उसका मुँह और […]

बैंका का एन पी ए 1 लाख 40 हज़ार करोड़ बढ़ा, बैंकर और ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर
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11 मई से क्यों बंद है कोविड-19 की प्रेस कांफ्रेंस, 1 लाख संख्या पार होने पर भी नहीं हुई प्रेस कांफ्रेंस- रवीश कुमार

19 मई को भी स्वास्थ्य मंत्रालय की कोविड-19 पर प्रेस कांफ्रेंस नहीं हुई। 11 मई को आखिरी बार हुई थी। उसके बाद से नियमित प्रेस कांफ्रेंस बंद है। शाम को प्रेस रिलीज आ जाती है जिसे छाप दिया जाता है। एक ऐसे दिन जब कोविड-19 की संख्या एक लाख के पार चली गई स्वास्थ्य मंत्रालय […]

बैंका का एन पी ए 1 लाख 40 हज़ार करोड़ बढ़ा, बैंकर और ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर
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बिना सोचे समझे और बेमकसद से की गई तालाबंदी अब मज़ाक में बदल चुकी है – रवीश कुमार

आर्थिक मोर्चे पर सबकी गाड़ी पटरी से उतर गई है। आने वाले कुछ सालों तक में खास सुधार नहीं होगा। इस वक्त ही सैलरी इतना पीछे चली जाएगी कि वहां तक वापस आने में कई साल लगेंगे। हमारे देश में सैलरी कम होने या नौकरी जाने का डेटा नहीं होता। जिस तरह आप अमरीका में […]