डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के बारे में लोग उन्हें सिर्फ सविधान निर्माता और दलितों की आजादी के मसीहा के रूप में जानते है। उनके द्वारा किये गए वो अविस्मरणीय कार्य जो दलितों के लिए नहीं अपितु सबके लिए थे । इस बात को बार बार परखा गया और आजमाया गया है। सही मायने में देखा जाय […]
नज़रिया
आजम खान को बेनकाब करे योगी सरकार- संजय जोशी
समाजवादी पार्टी की उप्र की सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आजम खान की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, कारण हुकूमत बदल चुकी है! आजम खान ने गहरे समन्दर डुबकी लगाई और बहुत मोती चुराए! आखिर मियां साहब ने सोने की अंडे देने वाली मुर्गी जो पाल रखी थी! जिस मुस्लिम समाज […]
राजकिशोर के जाने से बहुत कुछ चला गया – ओम थानवी
राजकिशोरजी नहीं रहे। हिंदी पत्रकारिता में विचार की जगह आज और छीज गई। कुछ रोज़ पहले ही उन्होंने अपना प्रतिभावान इकलौता बेटा खोया था। पिछले महीने जब मैं उनसे मिलने गया, वे पत्नी विमलाजी को ढाढ़स बँधा रहे थे। लेकिन लगता था ख़ुद भीतर से कम विचलित न रहे होंगे। मेरे आग्रह पर राजस्थान पत्रिका […]
कैसा जमाना आया, पानी बिक रहा है- दिलीप बीदावत
पानी कितना अमूल्य धरोहर है, यह बात तो मरू वासियों के जहन में सदियों से बैठी हुई है। लेकिन अपनी प्यास बुझाने के लिये पानी का भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा, यह कभी यहां के लोगों ने सोचा नहीं था। पानी की एक-एक बूंद के लिये मोहताज थार के रेगिस्तान में पानी के करोड़ों के कारोबार […]
मैं चाहता हूं नया इंडिया नहीं, अच्छा इंडिया बने, सिस्टम काम करे, गीत न गाए- रवीश कुमार
प्राइम टाइम के लिए जब उस नौजवान ने वीडियो मेसेज भेजा था तब उसमें उदासी थी। नियुक्ति पत्र न मिलने की कम होती आस थी। जैसे ही वित्त मंत्रालय की शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने 505 इंकम टैक्स इंस्पेक्टर के नाम वेबसाइट पर डाले उसका चेहरा खिल उठा। चहक उठा। ये नौजवान उन 3287 में से […]
भारत वाक़ई ज़ोम्बिस्तान बनते जा रहा है ?- रवीश कुमार
इससे पहले की तमाम हत्याओं पर चुप रहने वाले और उनसे सहानुभूति रखने वाले ज़ोम्बी जगत के लोग बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या को लेकर पूछने आ जाएं, बंगाल की हिंसा पर किसी औपचारिकता के लिए नहीं बल्कि वाकई कुछ किए जाने के लिए लिखा और बोला जाना चाहिए। यह घटना शर्मनाक है। भीड़ […]
संवेदनशील हृदय बिना पुलिस और अदालतों में न्याय संभव नहीं- ध्रुव गुप्त
बात तीस साल पहले की है जब मैं बिहार के एक बेहद अपराधग्रस्त जिले पश्चिमी चंपारण में पदस्थापित था। एक भयंकर बरसाती रात में मैं गंडक दियारे में छापेमारी करने के बाद पुलिस के कुछ जवानों के साथ बगहा लौट रहा था। रास्ते में गाडी बिगड़ गई जिसके बनने की संभावना अगली सुबह तक नहीं […]
सरकारी बैंक के कर्मचारी निठल्ले हैं तो फिर प्राइवेट बैंकों का घाटा क्यों बढ़ रहा है- रवीश कुमार
बिजनेस स्टैंडर्ड की पहली ख़बर कहती है कि रिज़र्व बैंक के नए नियमों और सख़्ती के कारण चौथी तिमाही में 37 बैंकों के एन पी ए में 1 लाख 40 हज़ार करोड़ की वृद्धि हो गई है। इसी के साथ सकल एन पी ए 9 लाख 80 हज़ार करोड़ हो गया है। यह राशि अभी […]
कच्चे तेल की क़ीमत कम होने पर भी पेट्रोल की बढ़ती क़ीमत पर वरिष्ठ पत्रकार के सवाल
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने लगी है। पिछले पांच दिनों में 5 डॉलर प्रति बैरल घटा है मगर भारत में आज 15 वें दिन भी पेट्रोल और डीज़ल महंगा हुआ है। दिल्ली में पेट्रोल 78.27 रुपये प्रति लीटर है और मुंबई 86.08 रुपये प्रति लीटर है। भारत के सरकारी अर्थशास्त्री […]
महिलाओं के प्रति बढ़ते यौन हमले से चिंतित क्रिकटर का सवाल, मेरी बेटियां बलात्कार का मतलब न पूछ बैठें
दिल्ली में रेप की घटना के बाद यूनिसेफ इंडिया ने कहा कि दिल्ली में पिछले दिनों बलात्कार की जिस घटना में पांच साल की बच्ची अपनी जिंदगी से जूझ रही है, वह दिखाती है कि भारत में महिलाओं और लड़कियों को गलियों, स्कूलों, कार्यस्थलों और घर में सुरक्षित महसूस कराने के लिए तुरंत कदम उठाने […]