लखनऊ: लखनऊ के बीजेपी ऑफिस में उस वक्त हड़कंप मच गया जब उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2015 में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को सामन्य वर्ग में डाले जाने से नाराज छात्र शनिवार को बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यालय पहुंच धरने पर बैठ गये। पुलिस भर्ती-2015 के अभ्यर्थियों की संख्या को देख कर पुलिस के हाथ पांव फूल गए। उनका कहना था कि हमें सोची-समझी साजिश के तहत जाति प्रमाण पत्र के मामले में फंसाया जा रहा है। 906 अभ्यर्थियों का कहना था कि प्रदेश सरकार के द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र की जगह उन्होंने केंद्र सरकार के द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र पुलिस भर्ती प्रक्रिया में लगाया था। लेकिन उनके जाति प्रमाण पत्र को अमान्य कर दिया गया था और उन्हें सामान्य कैटेगिरी में परीक्षा कराई गई थी।
जनरल श्रेणी में डाले जाने को लेकर रोष
दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती 2015 व 16 के अभ्यार्थी आज लखनऊ में इकठ्ठा हुए। अभ्यर्थियों में पुलिस भर्ती प्रक्रिया के दौरान एससी और ओबीसी केटेगरी अभ्यार्थियों के जनरल श्रेणी में डाले जाने को लेकर रोष था। इस दौरान उन्होंने भाजपा कार्यालय का घेराव कर उसके सामने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। अभ्यार्थियों ने बताया कि कई अभ्यार्थियों को ओबीसी और एससी श्रेणी से सामान्य श्रेणी में डाल दिया गया। उन्होंने बताया कि आरक्षण का लाभ न पाने वाले इन अभ्यार्थियों में से कुछ ने केंद्र सरकार का जाति प्रमाण पत्र फॉर्म भरते समय लगा दिए थे। वहीं कुछ ने निवास प्रमाणपत्र निर्धारित समय से पहले लगाये थे। उन्होंने बताया कि कुछ अभ्यार्थियों ने राज्य सरकार का जाति प्रमाणपत्र एक अप्रैल 2015 से 17 फरवरी 2016 तक के पुराने प्रमाणपत्र फॉर्म भरते समय लगा दिए थे। जिस कारण इन सभी अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ न मिलने से नौकरी से वंचित हो जाना पड़ा। अभ्यार्थियों ने मांग की कि इस गलती के सुधार का अवसर अभ्यार्थियों को दिया जाए। उनका वर्तमान जाति प्रमाणपत्र और निवास प्रमाणपत्र लिया जाए।