उत्तर प्रदेश

बुलंदशहर हिंसाः यूपी पुलिस का बड़ा यू-टर्न, 4 निर्दोषों को 17 दिन रहना पड़ा जेल, अब हुई असल गिरफ्तारी

बुलंदशहर : बुलंदशहर हिंसा से पहले हुई कथित गोकशी के मामले में यूपी पुलिस ने पूरी तरह से यू-टर्न लेते हुए सबको चौंका दिया है। दरअसल गोकशी के मामले में पूर्व में जिन 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था अब पुलिस उन्हें निर्दोष बता रही है। 3 दिसंबर को हुई इस घटना के बाद इस मामले में एसआईटी जांच बैठा दी गई थी। अब उसी एसआईटी की जांच में उन चारों आरोपियों का हिंसा से पहले हुई गोकशी की घटना में शामिल ना होने की हुई पुष्टि है।

चारों आरोपियों की निर्दोष होने की रिपोर्ट

गौरतलब है कि स्याना पुलिस ने गत 5 दिसंबर को साजिद, सरफुद्दीन, बन्ने खां और आसिफ को गोकशी के आरोप में जेल भेजा था। अब न्यायालय को चारों आरोपियों की निर्दोष होने की रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस मामले की पुष्टि खुद स्याना कोतवाली प्रभारी ने की है। बता दें कि तीन असली आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।

बुलंदशहर हिंसा व बवाल मामले में 4 और आरोपियों ने बुधवार को कोर्ट में किया सरेंडर
स्याना बवाल मामले में बुधवार को चार नामज़द आरोपियों हरेन्द्र, टिंकू, छोटे उर्फ़ अविनाश और गुड्डु ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सीजेएम ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके अलावा प्रकाश में आए अजय देवला को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जांच दल भेजा

स्याना बवाल की जांच के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जांच दल भेजा है। बुधवार दोपहर मेरठ से राज्यसभा सांसद विजय पाल तोमर के नेतृत्व में कुल 4 सदस्यीय जांच दल मौके पर पहुंचा है। जिसमें बुढ़ाना के विधायक उमेश मलिक, साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा, मुजफ्फरनगर विधायक कपिल देव अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे जांच दल बृहस्पतिवार को रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को सौंपेंगे।

तीन आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया

स्याना पुलिस ने महाब के जंगलों में हुई गोकशी की घटना में फरार तीन आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि, एक मुख्य आरोपी हारुन अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। तीनों आरोपियों ने गांव नया बांस व महाब के जंगलों में गोवंशों के कटान को स्वीकार किया है। बीते दिनों गांव महाब के जंगलों में हुए गोवंशों के कटान के कारण बड़ा बवाल हुआ था।

चार गोकशों को पहले ही गिरफ्तार कर भेज दिया था जेल

मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज की तहरीर के आधार पर सात नामजद समेत अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गोकशी की रिपोर्ट दर्ज की थी। इसी दौरान स्याना की चिंगरावठी चौकी पर बवाल हुआ था। पुलिस ने मामले में चार गोकशों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि, अन्य आरोपी फरार थे। एसपी सिटी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार सुबह स्याना थाना प्रभारी को सूचना मिली कि महाब में हुई गोकशी के तीन आरोपी एक जीप में पशु पैंठ के पास मौजूद हैं।

तीनों आरोपियों को दबोच लिया

पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों की शिनाख्त नदीम पुत्र बाबू खां निवासी मोहल्ला चौधरियान कस्बा व थाना स्याना, रहीस पुत्र इलियास अब्बासी मोहल्ला अकबराबाद स्याना व काला पुत्र बाबू कुरैशी निवासी मोहल्ला पूडावाला थाना स्याना के रूप में हुई। बताया गया कि मौके से एक आरोपी हारुन भाग निकला था।

न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है जेल 

आरोपियों के पास से पुलिस ने एक लाइसेंसी दोनाली बंदूक जो कि आरोपी नदीम के नाम पर है व गोवंशों के कटान में उपयोग होने वाले हथियार व एक जिप्सी बरामद की है। पूछताछ में आरोपियों ने गांव महाब समेत अन्य क्षेत्र में भी गोवंशों का कटान करना स्वीकार किया है। एसपी सिटी ने बताया कि तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा रहा है।

बवाल की चिंगारी महाब में हुई गोकशी की घटना के कारण भड़की थी

बुलंदशहर के चिंगरावठी चौकी पर हुए बवाल की चिंगारी महाब में हुई गोकशी की घटना के कारण भड़की थी। मंगलवार को पकड़े गए तीनों गोकशों ने बताया कि वह पहले बंदूक से फायर कर गोवंशों को मार देते थे। उसके बाद धारदार हथियारों से उनका कटान करते थे। आरोपियों का कहना है कि बीते एक दिसंबर को उन्होंने गांव नयाबांस के जंगल में एक गोवंश को पहले गोली मारकर गिराया और फिर कटान कर गोमांस को आपस में बांट लिया था। उसके बाद दो दिसंबर की रात को गांव महाब के जंगल में तीन गोवंशों का गोली मार कर मौत के घाट उतारा और फिर धारदार हथियारों से कटान कर आपस में बांट लिया था। उसके बाद मौके से फरार हो गए थे।

तीन गोकशों को दबोच लिया

स्याना पुलिस ने मंगलवार सुबह मुखबिर की सूचना पर तीन गोकशों को दबोच लिया। बकौल पुलिस सूचना मिली थी कि तीनों आरोपी क्षेत्र में गोकशी की वारदात को अंजाम देने वाले हैं। यदि पुलिस समय रहते आरोपियों को नहीं पकड़ती और किसी गोकशी की वारदात को अंजाम दे दिया जाता तो स्याना बवाल की चिंगारी एक बार फिर भड़क सकती थी।

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