उत्तर प्रदेश

अब गाजियाबाद में धराशायी हुई 5 मंजिला इमारत, एक की मौत, 7 लोगों को मलबे से निकाला गया

गाजियाबाद: ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारत गिरने की घटना को हफ्ता भर भी नहीं बीता था कि गाजियाबाद के मसूरी में रविवार दोपहर बाद एक अवैध निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत ढह गई, जिसके मलबे में दबकर एक मजदूर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जिस इलाके में यह बिल्डिंग गिरी है, वह पूरी तरह से अवैध रूप से बसाई गई है।

बेसमेंट मिलाकर पांच तल वाली बिल्डिंग में 17 मजदूर काम कर रहे थे। दोपहर पौने तीन बजे इमारत भरभराकर गिर गई और उसमें काम कर रहे सभी मजदूर मलबे में दब गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत दो मजदूरों को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। सूचना पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम और पुलिस ने देर शाम तक मलबे से छह मजदूरों को निकाला। इनमें से एक को संयुक्त अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।

सामने आई बिल्डर की लापरवाही 

गाजियाबाद इमारत हादसे में बिल्डर की बड़ी लापरवाही भी सामने आई हैै। घटनास्थल पर काम कर रहे मजदूरों का कहना है कि बिल्डिंग के एक हिस्से में दरार आ गई थी, जिसके बारे में बिल्डर को जानकारी थी। बिल्डर ने मजदूरों को इस दरार को भरने को कहा और इमारत में जबरदस्ती काम जारी रखा।

गाजियाबाद बिल्डिंग हादसे पर बोलते हुए स्थानीय सांसद वी.के सिंह ने कहा कि ‘जांच के आदेश दे दिए गए हैं, प्रशासन को दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 7 लोगों को मलबे से निकाला गया है, इनमें 1 की मौत हो गई है। जिला प्रशासन से सभी अवैध इमारतों को खाली करवाकर नष्ट करने के आदेश दिए गए हैं।’

सहायता की घोषणा

राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के डीएम और एसएसपी से मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए हैं। वहीं मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की है।

मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

डीएम रितु माहेश्वरी का कहना है कि यह इमारत अवैध तरीके से बनाई जा रही थी। पूर्व में तीन बार इसे ध्वस्त करने के आर्डर किए जा चुके हैं। 12 जुलाई को अंतिम आदेश हुआ था। इसके बाद भी इमारत क्यों नहीं गिराई गई, इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने मजिस्ट्रेटी जांच एडीएम फाइनेंस सुनील कुमार सिंह को सौंप दी है। 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई है। इस मामले की एक अन्य जांच जीडीए सचिव संतोष कुमार राय भी करेंगे।

जिम्मेदार लोगों के खिलाफ होगी कार्रवाई 

आईजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि जैसे ही इमारत गिरने की जानकारी मिली, वैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। 7 लोगों को बचाया है, जिसमें 1 की मौत हो गई और 6 लोग अस्पताल में हैं, जिनका इलाज चल रहा है। जैसे ही बचाव कार्य पूरा होगा, हम मामले की जांच करेंगे और जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

राहत और बचाव कार्य शुरू

हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस और NDRF की टीम पहुंच चुकी है राहत और बचाव का कार्य जारी है। बचाव के कार्य में डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इमारत के गिरते उमसें कई मजदूर मौजूद थे। हादसे में घायल महिला गुलाबरानी (47), शिवा (8) व देवेन्द्र (5) साल की हालत गंभीर बनी हुई है। तीनों को जिला संयुक्त अस्पताल से जीटीबी दिल्ली रेफर कर दिया गया है।

स्थानीय लोगों ने की मदद 

इमारत गिरते वक्त बिल्डिंग में काम कर रही मजदूर गीता (30) निचले तल पर थीं। वह खुद को बचाने के लिए दौड़ीं और उनके ऊपर कुछ ईंट व मलबा गिर गया। मौके पर आए लोगों ने उन्हें ईंट हटाकर निकाल लिया। वह मूलरूप से मध्य प्रदेश के दमोह जिले में बटियागढ़ थाना इलाके के हिम्मतपुर गांव की रहने वाली हैं। इमारत गिरते वक्त इसी इमारत में गीता (27) के पति राजकुमार (30), मां विद्या (50), बेटे आठ वर्षीय शिवा व छह वर्षीय सागर, भाई राहुल व राजेश, चाचा मुन्ना (52), चाची गुलाबरानी (47), मुन्ना का पोता आठ वर्षीय देवेंद्र के अलावा मिस्त्री शकील व क्रेन चालक बिहार के अरनिया निवासी रईस (27) काम कर रहे थे।

द फ्रीडम स्टॉफ
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