फरहान डार, श्रीनगर: सीमा सुरक्षा बल ने एक बार फिर पाकिस्तान की बड़ी साजिश को नाकाम बना दिया है। भारतीय सीमा में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के इरादे से बनाई गई सुरंग का पता लगा है। यह सुरंग जिला सांबा में सीमा के साथ बनाई गई है जो पाकिस्तान में शुरू होती है और सांबा में समाप्त होती है।
जम्मू बीएसएफ आईजी एनएस जम्वाल इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें इस सुरंग के बारे में विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली थी।सूचना यह थी कि यह सुरंग सांबा सीमा के पास कहीं बनाई गई है। सुरंग का पता लगाने के लिए विशेष टीमें गठित की गई। टीम में शामिल जवानों व अधिकारियों ने सांबा सीमा से सटे इलाकों को खंगाला शुरू कर दिया।
इसी दौरान सीमांत गांव गलर में इस सुरंग को ढूंढ निकाला गया। यह सुरंग जीरो लाइन से भारतीय क्षेत्र की ओर लगभग 170 मीटर लंबी है। इसके अलावा सुरंग की गहराई 25 फीट जबकि मुंह की गोलाई 3-4 फीट के करीब है। सुरंग का मुंह बजरी के बैग से बंद किया गया था ताकि किसी को इसका पता न चल सके। परंतु उन बैग पर शकरगढ़, कराची में स्थित सीमेंट फैक्ट्री का नाम अंकित है। बीएसएफ जवानों को वह बैग देखकर ही शक हुआ।
आईजी बीएसएफ जम्वाल ने यह भी कहा कि बैग पर कराची की फैक्ट्री का नाम अंकित होना यह दर्शाता है कि सुरंग बनाने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। यह सुरंग योजनाबद्ध तरीके से और तकनीकी ढंग से खोदी गई है। इन सभी तथ्यों से यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तानी रेंजर्स सहित अन्य एजेंसियों की इसमें सहमति शामिल है, क्योंकि इतनी बड़ी सुरंग उनके सहयोग के बिना बना पाना मुमकिन नहीं है।
पहले भी मिल चुकी हैं सीमा पर सुरंग
ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने सुरंग खोदकर भारतीय सीमा में आतंकवादियों की घुसपैठ का प्रयास किया है। गत 14 फरवरी वर्ष 2017 में भी बीएसएफ की 62 बटालियन ने रामगढ़ के चमलियाल गांव के छन्नी फतवाल इलाके में पाकिस्तानी इलाके से बनाई गई 20 मीटर लंबी सुरंग को खोजा था। यह सुरंग पाकिस्तान के बांध की ओट में बनाई जा रही थी। यह सुरंग अढ़ाई फीट चौड़ी और इतनी ही गहरी थी। इसका दूसरा मुहाना फेंसिंग के पार बनना था। पंद्रह दिन और मिल जाते तो साजिश कामयाब हो जाती। उससे पिछले वर्ष 2016 में भी पाकिस्तान ने छन्नी फतवाल में ही 80 मीटर सुरंग बनाई थी। भारतीय जवानों ने न सिर्फ सुरंग को ढूंढ निकाला बल्कि इसके जरिये भारी मात्रा में गोलाबारूद लेकर अंदर घुस आए दो आतंकियों को भी ढेर कर दिया था। उससे पहले एक मार्च 2016 में भी पाकिस्तान ने आतंकवादियों की सुरंग के जरिए घुसपैठ करने का प्रयास किया था। यह सुरंग आरएसपुरा के अलाह माई दे कोठे में बनाई जा रही थी।