लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित संगठन भीम आर्मी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ जनाधार तैयार करने में जुटा है। हाल ही संपन्न कैराना लोकसभा के उपचुनाव में भीम आर्मी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ दलितों को उकसाने में महतपूर्ण भूमिका अदा की थी। भीम आर्मी ने दोहराया है कि 2019 के आम चुनाव में भाजपा को हराना उसका मुख्य एजेंडा है।
संगठन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेजी से पकड़ बनायी थी हालांकि 2017 में सहारनपुर में जातीय हिंसा के बाद उसे दुश्वारियों का सामना करना पड़ा और संगठन के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ ‘रावण’ को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में बंद चंद्रशेखर की रिहाई को लेकर संगठन ने व्यापक आंदोलन छेड़ने का फैसला किया है।
जेल से हाल ही में रिहा हुए भीम आर्मी के अध्यक्ष और चंद्रशेखर के निकट सहयोगी विनय रतन सिंह ने कहा, ‘आगामी लोकसभा चुनाव संगठन के लिये बेहद अहम है। हमारा साफ एजेंडा है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सफाया इस चुनाव की बदौलत करना है। हमने बेहद खामोशी से अपने काम को अंजाम दिया है जिसका नतीजा है कि कैराना में भाजपा की करारी हार हुई। संगठन के सदस्य गांव गांव घूमे और भाजपा के खिलाफ मतदाताओं को खड़ा किया।’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह से हमारी कोई अदावत नही थी मगर जिस दल से उनको टिकट मिला, उस दल ने लोगों को जाति में बांटा और उनका उत्पीडऩ किया। जेल से रावण की एक अपील पर पूरा समुदाय एकजुट हुआ और भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया।’ हालांकि उन्होने साफ किया कि भीम आर्मी 2019 के चुनाव में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा नही लेगी और स्वयं रावण भी चुनाव में भाग लेने के इच्छुक नहीं है। सूत्रों ने बताया कि भीम आर्मी के वरिष्ठ नेता कांग्रेस आलाकमान के संपर्क में थे और कैराना में विपक्ष की जीत में उनके संगठन ने बडी भूमिका अदा की।