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बेंगलुरु में कोरोना की दूसरी लहर ने बरपाया कहर, मई के सिर्फ 20 दिन में 4,000 से ज्यादा मौतें

Ashish Kumar, Bengaluru: पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान कर्नाटक में संक्रमण से 4000 मौतों का आंकड़ा पार करने में लगभग छह महीने लगे थे। मगर दूसरी लहर में भारत की टे क हब कही जाने वाली राज्य की राजधानी बेंगलुरु ने ही केवल 20 दिनों के भीतर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जिससे साबित है कि कोविड की दूसरी लहर ज्यादा घातक है और साथ ही कर्नाटक सरकार ने इसे लेकर कोई तैयारी नहीं की थी।

पिछले साल 8 मार्च को 100 घंटे से भी कम समय में महामारी फैल गई थी। फिर 12 मार्च को कलबुर्गी जिले में 76 वर्षीय एक व्यक्ति की वायरस से मौत के साथ देश की पहली कोविड मौत की घोषणा करके राज्य ने अपना रिकॉर्ड बनाया। 12 मार्च, 2020 को भारत की पहली कोविड मौत के बाद बेंगलुरू ने 17 अगस्त, 2020 तक 4,062 मौतें दर्ज करके 4000 का आंकड़ा पार कर लिया, जो कि छह महीने से भी अधिक समय है।

वहीं, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका से जारी कोविड के आंकड़ों के अनुसार इस साल 1 मई को बेंगलुरु में 6,538 मौत हुई थी और यह 21 मई को 10,557 तक पहुंच गई। 12 मार्च, 2020 को भारत की पहली कोविड मौत की सूचना के बाद, पहली लहर के दौरान बेंगलुरु की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया और तब से 1 मई को 6,500 का आंकड़ा पार कर गया और 21 मई को 10,500 का आंकड़ा पार करने में सिर्फ 20 दिन लगे। दूसरी कोविड लहर ने पिछले एक महीने से राज्य को जकड़ रखा है।

इन 20 दिनों में इस अवधि की पहली छमाही के दौरान मृत्यु दर अपेक्षाकृत अधिक रही है। 1 से 11 मई के बीच, यह 2,052 रोगियों की वायरस से मौत होने से सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जबकि 12 मई से 21 मई के बीच 1,967 मौतें हुईं, जिससे पता चलता है कि कर्नाटक सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन ने इसे रोकने में मदद की है। कर्नाटक में पिछले साल मार्च के मध्य से जब से ये महामारी फैली है, तब से टेक-हब बेंगलुरु इसका केंद्र बना हुआ है।

द फ्रीडम स्टॉफ
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