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कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बोले- हम तुम्हारी मस्जिदों में नहीं घुसते

बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने शुक्रवार को भोपाल में मीडिया से बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर हम भारतीय आपस में बंटेंगे तो चीन और पाकिस्तान जैसे देश हमारी कमजोरी का फायदा उठाएंगे। पंडित शास्त्री ने चेतावनी दी कि हमें अपनी एकता बनाए रखनी चाहिए, ताकि हमारा देश मजबूत और सुरक्षित रहे।

पंडित शास्त्री ने अपने उस बयान पर भी सफाई दी, जिसमें उन्होंने कुंभ मेला में गैर हिंदुओं की एंट्री पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा, “हमने बिल्कुल कहा है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है। तुम हमारे यहां आकर क्या करोगे? तुम हमारे पूजा स्थलों पर थूक कांड और मूत्र कांड करोगे?” शास्त्री ने यह भी कहा कि “हम तुम्हारी मस्जिदों में नहीं घुसते, तो तुम हमारे मंदिरों में क्यों आओगे?” पंडित शास्त्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई हिंदू गैर हिंदू के धार्मिक स्थलों पर प्रवेश करता है, तो उसे “जूते मारो”। उनका यह बयान धार्मिक असहमति और राष्ट्रीय एकता की अहमियत पर जोर देने का था।

बागेश्वर धाम के प्रमुख कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कुंभ मेला में गैर हिंदुओं को प्रवेश न देने के अपने पहले के बयान का फिर से समर्थन किया है। उन्होंने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमने बिल्कुल कहा है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है।” उनका यह बयान भारत में धार्मिक सीमाओं और सांस्कृतिक एकता की अहमियत पर आधारित था।

पंडित शास्त्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि, “मक्का मदीना में हमें नहीं बुलाया जाता। आप इतने उदारवादी और गंगा-जमुनी संस्कृति वाले हो तो मक्का-मदीना में हमारी दुकान लगवा दो। हम भी गरीब ही हैं, भैया।” उनके अनुसार, अगर भारत में हिंदू इतने गरीब हैं, तो किसी के धार्मिक स्थलों पर हिंदुओं को सम्मान नहीं दिया जाता, तो फिर उन्हें अपने धार्मिक आयोजन में गैर हिंदुओं का स्वागत क्यों करना चाहिए?

पंडित शास्त्री ने आगे कहा, “भारत में इतने हिंदू गरीब हैं तो आपकी मजारों के सामने हमारी दुकान नहीं लगती तो मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है?” उनका कहना था कि भारत की धार्मिक धरोहर और संस्कृति की पवित्रता को बनाए रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने इसे केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दे के तौर पर देखा, जहां भारतीय समाज को अपनी पहचान और सांस्कृतिक धारा को बचाए रखना चाहिए। पंडित शास्त्री ने कहा, “तुम हमारे यहां जाकर क्या करोगे? आपको त्रिवेणी का ज्ञान नहीं, संगम का ज्ञान नहीं, संतों के मान का पता नहीं, कथा का पता नहीं। खालसा क्या होते हैं, पंथ क्या होता है इसके बारे में पता नहीं।” उनका यह बयान हिंदू संस्कृति की गहरी समझ और उसके महत्व को सामने लाता है। उनके अनुसार, जो लोग हिंदू संस्कृति को नहीं समझते, उन्हें उस संस्कृति के मुख्य केंद्रों में हस्तक्षेप करने का कोई हक नहीं है।

भारतीय क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा और बीसीसीआई का फैसला

बागेश्वर धाम के पंडित ने भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान न जाने के बीसीसीआई के फैसले पर भी अपनी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह सही है क्योंकि पाकिस्तान एक “कंगाल देश” है और वहां जाने का कोई मतलब नहीं बनता। उन्होंने पाकिस्तान को “भिखमंगा देश” बताया और कहा कि वहां जाकर भारतीय खिलाड़ियों का क्या काम होगा।

राजनीतिक संदर्भ में पंडित शास्त्री की टिप्पणियां पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की यह टिप्पणियां

भारतीय राजनीति, सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को लेकर उनके स्पष्ट विचारों को दर्शाती हैं। उनका कहना था कि देश की एकता के लिए हमें हिंदू संस्कृति और धार्मिक मूल्यों को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि बाहरी ताकतें हमारे आंतरिक मतभेदों का फायदा न उठा सकें। पंडित शास्त्री का यह बयान खासतौर पर उन मुद्दों को लेकर है जो आजकल भारतीय समाज में धार्मिक असहमति, सांप्रदायिक विभाजन और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम एकजुट रहते हैं, तो हम किसी भी विदेशी ताकत या आंतरिक असहमति से मुकाबला कर सकते हैं।

द फ्रीडम स्टॉफ
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