अजय सिंह, इंदौर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राहत भरी खबर है कि जिन लोगों को कोरोना टीके की पहली डोज भी लग गई, उनमें कोविड-19 वायरस के दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिल रहे हैं। यानी टीका लगवाने के बाद ये लोग संक्रमित हो भी रहे हैं तो न तो उनमें बीमारी का कोई लक्षण नजर आ रहा है न ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। बगैर किसी खास इलाज के ये लोग घर पर ही रहकर स्वस्थ हो रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना टीकाकरण के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं।
टीके की वजह से शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी संक्रमण होने पर खुद ही वायरस से लड़कर उसे खत्म कर रही है। ज्यादातर मामलों में कोरोना के लक्षण भी नजर नहीं आते तो कुछ में हाथ-पैर में दर्द, सर्दी जैसे मामूली लक्षण नजर आते हैं। डॉक्टरों के अनुसार टीकाकरण के सात दिन बाद शरीर में एंटीबॉडी बननी शुरू हो जाती है। कुछ मामलों में यह प्रक्रिया जल्दी भी शुरू हो जाती है।
टीका लगने के बाद व्यक्ति वायरस की चपेट में आ भी जाए तो नुकसान नहीं होगा
टीका लगवाने के बाद व्यक्ति वायरस की चपेट में आ भी जाता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू होने का उसे फायदा मिल जाता है। यही वजह है कि वायरस ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता।
संक्रमण फैलाने की आशंका कम रहती है
टीका लगने के बाद कोई व्यक्ति पॉजिटिव आ भी जाता है तो उसकी तबीयत नहीं बिगड़ती। वह आसानी से स्वस्थ हो जाता है। टीकाकरण के बाद संक्रमित होने वाले व्यक्ति का सीटी स्कोर (संक्रमण मापने का एक पैमाना) 30-32 के आसपास रहता है यानी वह संक्रमण फैलाएगा इसकी आशंका कम हो जाती है– डॉ. संजय दीक्षित, डीन, एमजीएम मेडिकल कालेज।