उत्तर प्रदेश

अमेठी में रोष: धरने पर बैठीं महिलाएं बोलीं, स्मृति ईरानी हम लोगों को भिखारी समझती हैं

अमेठी: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के विरुद्ध लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बगावती सुर सुनने को मिलने लगे हैं। डेढ़ पखवाड़े से इलाके में अंधेरा कायम होने पर विरोध प्रदर्शन पर उतरी किसान नेत्री रीता सिंह ने दो टूक कहा है कि हम लोग जटिल समस्याओं को लेकर जाते हैं तो मुंह चुराकर भागते हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी हम लोगों को भिखारी समझती हैं।

मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

जनकल्याण समिति के बैनर तले यहां सैकड़ों महिलाएं तीन दिन से विद्युत वितरण खंड प्रथम गौरीगंज कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। महिलाओं ने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार शिकायत व धरना देने के बाद भी अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। समिति की अध्यक्ष रीता सिंह ने बताया कि ब्लाक जामों के रेंसी गांव में एक पुरवा है, पूरे हेमसी जहां 15 साल से खम्भा गड़ा है बिजली नहीं है। इस पुरवे में 27 घर पासी जाति के लोगों के हैं। उन्होंने बताया कि तत्कालीन डीएम योगेश कुमार और मौजूदा डीएम शकुंतला गौतम सबसे मिलकर थक गए।

अमेठी सांसद पर गंभीर आरोप

इस क्रम में महिला नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी सांसद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जनता की बात सुनने का मौका नहीं है। हम लोग जटिल समस्याओ को लेकर जाते हैं तो मुंह चुराकर भागते हैं, रास्ता बदलते हैं। उनके कार्यकर्ता सही काम नहीं होने देना चाहते। राहुल को बरगलाते हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के प्रति भी रोष जाहिर किया। कहा कि स्मृति ईरानी जनपद में आकर नाम ऊंचा करना चाहती हैं। जिस वक़्त वो कृषि विज्ञान केंद्र का उदघाटन करने आई थी उस समय उनको बताया गया था के संयुक्त जिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। लेकिन कुछ नहीं हुआ। उनसे क्या उम्मीद रखें, फोटो खिंचवाना और यहां के लोगों को साड़ी बांट देना, जैसे यहां के लोग भिखारी हो गए हैं।

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