उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद नहीं प्रयागराज कहिये, योगी सरकार के फैसले पर लगी मुहर

लखनऊ : कैबिनेट बैठक में आज इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। शनिवार को इलाहाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की बहुप्रतीक्षित मांग पर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद इस नाम पर कैबिनेट की मुहर लगाई गई है। इलाहाबाद में कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा आया था। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने की मांग अरसे से चल रही है। राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जताई थी। सोमवार को ही सरकार ने यह प्रस्ताव तैयार कर लिया था।

योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में संपन्न हुई कैबिनेट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। जिसमें पहला इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी शामिल है। सात मेडिकल कॉलेजों के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है।

नंद बाबा प्रोत्साहन पुरस्कार अवार्ड

ललितपुर में पाली तहसील के 23 गांव को सदर तहसील में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन को भी सरकार ने मंजूरी दी और नंद बाबा प्रोत्साहन पुरस्कार अवार्ड शुरू किया है। जिसका लाभ ब्लॉक स्तर के दुग्ध उत्पादक को भी मिलेगा। सरकार में सबसे महत्वपूर्ण फैसला नई खांडसारी नीति को मंजूरी देकर किया है। इसमें पहले एक चीनी मिल से 15 किलोमीटर की दूरी के भीतर खांडसारी उद्योग नहीं लगाया जा सकता था लेकिन अब उस की दूरी घटाकर 7:30 किलोमीटर कर दी गई है। इससे गन्ना किसानों को सहूलियत मिलेगी।

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