राजस्थान ब्यूरो, द फ्रीडम न्यूज: राजस्थान के अलवर में गो तस्करी के आरोप में लोगों ने एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी है। यह घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लालवंडी गाव की है। मृतक शख्स का नाम अकबर खान है जो हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। मृतक दो गाय लेकर जा रहा था तभी उसपर हमला किया गया। गायों को गौशाला भिजवा दिया गया है। इस मामले पर पुलिस का कहना है, यह अभी साफ नहीं है कि वह गो तस्कर थे या नहीं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हम आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
इस मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘भारत में गाय को अनुच्छेद 21 के तहत जीने का अधिकार है और एक मुस्लिम को उसके लिए मारा जा सकता है क्योंकि उनके पास जीने का अधिकार नहीं है। चार साल का मोदी राज लिंच राज है।’
Cow in India has a Fundamental Right to Life under Art 21 & a Muslim can be killed for they have no Fundamental right to LIFE
Four years of Modi rule – LYNCH RAJ https://t.co/IZuQSPY56F— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 21, 2018
यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब पीएम मोदी ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। उधर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
The incident of alleged lynching of a person transporting bovines in Alwar district is condemnable. Strictest possible action shall be taken against the perpetrators.
— Vasundhara Raje (मोदी का परिवार) (@VasundharaBJP) July 21, 2018
पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं। इसपर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि कोई कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता है। देश को भीड़तंत्र बनने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने संसद को इस मामले पर सख्त कानून बनाने के लिए भी कहा था।
इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्त आदेश दिया है कि वह संविधान के अनुसार काम करें। राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वह मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए चार हफ्ते के अंदर दिशा-निर्देश जारी करे। इस मसले को संसद भवन के अंदर भी उठाया गया था। जिसपर जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि वह घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं।