अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की वापसी हो गई है। तालिबान का सह-संस्थापक और राजनीतिक प्रमुख मुल्ला बरादर दोहा से कंधार लौट आया है। तालिबान के शासन में वह अफगानिस्तान का राष्ट्रपति हो सकता है।
इधर, एक बड़े घटनाक्रम में तजाकिस्तान में अफगान दूतावास ने इंटरपोल के जरिए भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी, हमदुल्ला मोहिब और फजलुल्लाह महमूद फाजली को गबन के आरोप में हिरासत में लेने का निर्देश दिया है।
खूंखार तालिबानी मुल्ला मोहम्मद रसूल 5 साल बाद पाकिस्तानी जेल से रिहा
इस बीच, पाकिस्तान का तालिबान प्रेम धीरे-धीरे दुनिया के सामने आने लगा है। तालिबान के सक्रिय सदस्य मुल्ला मोहम्मद रसूल को पाकिस्तान सरकार ने 5 साल जेल में रखने के बाद रिहा कर दिया है। रसूल को तालिबान से अलग हो कर एक नया गुट बनाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि अब वह तालिबान के पाले में लौट आया है।
अफगानी झंडा लिए प्रदर्शनकारियों पर तालिबान ने की फायरिंग, एक की मौत
अफगानिस्तान को बचाने के लिए बनाए गए फ्रंट नॉर्दन अलायंस ने तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ दी है। तालिबानी हुकूमत के बीच पंजशीर घाटी में नॉर्दन अलायंस का झंडा फहराया गया है। 2001 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। ऐसी खबरें हैं कि तालिबान से बचने के लिए जो अफगानी सैनिक छिप गए थे वे अब पंजशीर पहुंचे रहे हैं। ये सैनिक दिवंगत अफगानी पॉलिटिशियन अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद की अपील पर पंजशीर में इकट्ठे हो रहे हैं।
तालिबान को कई जगह आम जनता का भी विरोध झेलना पड़ रहा है। जलालाबाद में ऐसी ही घटना सामने आई है। यहां लोगों ने तालिबानी हुकूमत के बीच अफगानिस्तान का झंडा लगा दिया, जिसे तालिबान ने हटाकर अपना झंडा लगाने की कोशिश की। इस दौरान लोगों की तालिबानियों से झड़प हो गई और लोगों को डराने के लिए तालिबानियों से फायरिंग कर दी, जिसमें एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है।